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बिहार में 30-40 साल से बनी व्यवस्था को हम तोड़ नहीं पाए, लेकिन हम हार नहीं मानेंगे-प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने कहा कि जनता को हमारी बात सुनने में अच्छी लगी लेकिन 40 साल की व्यवस्था को हम तोड़ने में सफल नहीं रहे.

बिहार में 30-40 साल से बनी व्यवस्था को हम तोड़ नहीं पाए, लेकिन हम हार नहीं मानेंगे-प्रशांत किशोर
  • बिहार विधानसभा चुनाव में जनसुराज को केवल तीन प्रतिशत वोट मिलने के कारण करारी हार का सामना करना पड़ा
  • प्रशांत किशोर ने कहा कि वो 40 साल से चली आ रही व्यवस्था को तोड़ने में सफल नहीं हुए
  • पीके ने आरोप लगाया कि एनडीए ने हर विधानसभा क्षेत्र में पैसे देकर वोट खरीदे हैं, यह भारत में पहली बार हुआ
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नई दिल्ली:

बिहार विधानसभा चुनाव में जनसुराज को करारी हार का सामना पड़ा है. हार के बाद एनडीटीवी के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में प्रशांत किशोर हार के तमाम कारणों को बताया. उन्होंने कहा कि  मुझे तो केवल 3 प्रतिशत वोट मिला है, जनसुराज को जनता ने कहा कि अभी नेट प्रैक्टिस कीजिए, हम तो रेस में नहीं हैं, जब आपको 3-4 प्रतिशत वोट आता है तो आप स्क्रैच से शुरू करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं शराबबंदी वाले घोषणा से नहीं हारे हैं. उन्होंने कहा कि पीके की बात बिहार की जनता को सिर्फ सुनने में अच्छा लगा. जो 40 साल में यहां व्यवस्था बनी हुई है उसे एक ही बार में नहीं बदल सकते हैं.

नीतीश कुमार ने पैसों से वोट खरीदा: PK

हार के कारणों पर चर्चा करते हुए हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि 100 से 125 करोड़ रुपये हर विधानसभा क्षेत्र के लोगों को देकर एक तरह से बिहार की सरकार ने वोट खरीदा है. ऐसा भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है, जब मतदान से पहले वोट खरीदे गए. अगर चुनाव से पहले महिलाओं को 10-10 हजार रुपये नहीं दिये जाते, तो शायद आज बिहार विधानसभा चुनाव का ये परिणाम नहीं होता. हर विधानसभा क्षेत्र में 60 से 62 हजार महिलाओं को 10-10 हजार रुपये दिये गए हैं. बिहार में मतदान से एक दिन पहले भी पैसे बांटे गए हैं. इसके साथ ही कहा गया कि ये तो पहली किस्‍त है. इसके बाद 2-2 लाख रुपये स्‍वरोजगार के रूप में महिलाओं को दिये जाएंगे.'

रिजल्ट आने के बाद से सो नहीं पाया हूं- PK

प्रशांत किशोर ने कहा कि जब नतीजे आ रहे थे. बीजेपी-जेडीयू 200 पार जा रहे थे तो ये मेरे लिए बड़ा झटका था. उन्होंने कहा कि जब से रिजल्ट आया है मैं सो नहीं पाया हूं. जिस चीज के लिए ईमानदारी से कोशिश करते हैं और रिजल्ट आशा के अनुरूप नहीं आता है तो आपको निराशा होती है. असर पड़ा है, लेकिन निराशा से थक कर हारकर बैठने वाले लोग नहीं है. मैं कल से ही काम में लग जाऊंगा. 

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