बिहार में विधान परिषद के सदस्यों को जो नये आवास दिए गए हैं उनका निर्माण कार्य घटिया है,' ये आरोप है कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा का. उनके मुताबिक बारिश के पानी के कारण पूरे आवास में डम्प की समस्या है. प्रेमचंद मिश्रा ने बिहार भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि बारिश के पानी के बाद नए बने आवास में जहां-तहां से पानी का एक और रिसव हो रहा है. वहीं कहीं-कहीं दरार दिखने लगी है. उनका कहना है कि इस निर्माण कार्य में गुणवत्ता से समझौता किया गया है. ये पहली बार है कि किसी विधान पार्षद ने सार्वजनिक रूप से इन आवास के बारे में शिकायत की है. लेकिन ये मामला इसलिए बढ़ सकता है क्योंकि जिस कम्पनी को इस निर्माण कार्य का ज़िम्मा दिया गया है उस कम्पनी में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड के विधायक सुनील चौधरी निदेशक हैं. इनके पास विधान परिषद के 75 सदस्यों के आवास के निर्माण के अलावा विधान सभा के 243 सदस्यों के आवास के निर्माण का भी काम मिला हुआ है.
दोनों जगह जो निर्माण की समय सीमा थी वो कई बार बढ़ाई जा चुकी है. इसके अलावा चौधरी की कम्पनी को दो इंजीनियरिंग कॉलेज के अलावा कुछ और भवन के निर्माण का भी ठेका मिला हुआ और हर जगह विभाग से गुणवत्ता और समय सीमा को लेकर विवाद हुआ और मामला पटना हाई कोर्ट तक गया.
हालांकि बिहार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि मुख्य अभियंता के निर्देशन में एक टीम रविवार को माननीय सदस्य के घर का दौरा करेगी और देखेगी कि आख़िर उनकी शिकायत कितनी जायज़ है और उसका निदान कैसे ढूंढ़ा जाए. लेकिन अगर घटिया निर्माण की बात हैं और वो सही पाया गया तो इस मामले में आपराधिक कार्रवाई भी हो सकती है.
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