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सीमांचल में मुस्लिम वोटों की सियासी होड़, ओवैसी बनाम प्रशांत किशोर में कौन भारी

सीमांचल में ओवैसी और प्रशांत किशोर अपनी पूरी ताकत झोक रहे हैं. प्रशांत किशोर सीमांचल में लगातार ओवैसी पर निशाना साधा रहे हैं.

सीमांचल में मुस्लिम वोटों की सियासी होड़, ओवैसी बनाम प्रशांत किशोर में कौन भारी
  • बिहार के सीमांचल में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और प्रशांत किशोर के बीच चुनावी मुकाबला दिलचस्प
  • प्रशांत किशोर ने सीमांचल में बाहरी नेताओं के प्रभाव को नकारते हुए स्थानीय नेतृत्व पर जोर दिया है
  • चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मुसलमानों से BJP से नहीं डरने की अपील की
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बिहार के सीमांचल इलाके में अबकी बार चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प होता जा रहा है. सीमांचल की मुस्लिम बहुल आबादी को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर दोनों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. जन सुराज अभियान के तहत प्रशांत किशोर लगातार सीमांचल में सक्रिय दिख रहे हैं और AIMIM प्रमुख ओवैसी पर तीखे हमले कर रहे हैं. किशनगंज में उन्होंने कहा कि ओवैसी को अपना हैदराबाद संभालना चाहिए और बाहरी नेताओं का सीमांचल में भ्रम फैलाना जनता के हित में नहीं है.

प्रशांत किशोर ने एकदम साफ कहा कि सीमांचल का नेतृत्व सीमांचल के बेटे ही करेंगे. किशनगंज के बाद अररिया में भी प्रशांत किशोर ने ओवैसी पर निशाना साधा. जहां उन्होंने आरोप लगाया कि ओवैसी और बीजेपी दोनों चाहते हैं कि मुस्लिम समुदाय इकट्ठा होकर चुनाव लड़ें ताकि ध्रुवीकरण हो सके. PK ने मुसलमानों से अपील की कि वे बीजेपी से डरें नहीं, बल्कि समझदारी से फैसला लें. उनकी पार्टी ने इस बार 34 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जबकि AIMIM ने 25 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं जिनमें से 23 मुस्लिम हैं.

खास बात यह है कि ओवैसी ने सीमांचल की 24 में से 14 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. पिछले चुनाव में AIMIM ने 19 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 5 सीटों पर जीत का स्वाद चखा था. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में AIMIM को बिहार में कुल 1.24 फीसदी वोट मिले थे, लेकिन सीमांचल के मुस्लिम वोटरों में उनकी पकड़ मजबूत रही. करीब 11 फीसदी मुसलमानों ने AIMIM को वोट दिया था. सीमांचल के चार जिले किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार. बिहार के मुस्लिम बहुल इलाके हैं, जहां सियासी दलों की नजरें टिकी हुई हैं.

यही वजह है कि यहां ओवैसी और प्रशांत किशोर के बीच सीधा सियासी टकराव देखने को मिल रहा है.

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