बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
पटना:
बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने राज्य की कई अत्यधिक पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) जातियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने के लिए केंद्र से अनुरोध किया है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी. विज्ञप्ति में कहा गया है कि जिन ईबीसी जातियों को एसटी का दर्जा देने का अनुरोध किया गया है उनमें मल्लाह, नोनिया और निषाद समुदाय की सभी उपजातियां शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि निषाद समुदाय की उप जातियों में बिंद, केवट, वनपर, गोधी, सुरहिया, खुलवट, तीयर, चायीं और बेलदार शामिल हैं.
विज्ञप्ति के मुताबिक प्रस्ताव केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय को भेजा गया है. साल 2015 में भी इन जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय को अनुशंस भेजी गई थी.
तब केंद्रीय मंत्रालय ने राज्य सरकार को इन जातियों का इथनोग्राफिक अध्ययन कराकर रिपोर्ट के साथ अनुशंस भेजने का कहा था. अब नीतीश सरकार ने इथनोग्राफिक अध्ययन की रिपोर्ट के साथ फिर से इन जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने को लेकर अनुशंसा भेजी है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
विज्ञप्ति के मुताबिक प्रस्ताव केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय को भेजा गया है. साल 2015 में भी इन जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय को अनुशंस भेजी गई थी.
तब केंद्रीय मंत्रालय ने राज्य सरकार को इन जातियों का इथनोग्राफिक अध्ययन कराकर रिपोर्ट के साथ अनुशंस भेजने का कहा था. अब नीतीश सरकार ने इथनोग्राफिक अध्ययन की रिपोर्ट के साथ फिर से इन जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने को लेकर अनुशंसा भेजी है.
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