शरद यादव ने ट्वीट करके मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा...
- जदयू से पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव नाराज बताए जा रहे हैं
- शरद यादव ने एक ट्वीट करके संकेत दिए कि नाराजगी खत्म नहीं हुई
- आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि शरद यादव हमारे नेता हैं
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पटना:
बिहार में जदयू के महागठबंधन से अलग होने और बीजेपी के साथ सरकार बनाने के बाद से पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव नाराज बताए जा रहे हैं. खबर तो यह भी आई थी नीतीश के कदम से नाराज खेमे ने शरद यादव से मुलाकात की थी. रविवार को शरद यादव ने एक ट्वीट करके संकेत दिए कि उनकी नाराजगी खत्म नहीं हुई है. मजे की बात यह है कि नई सरकार के बनने के बाद से शरद यादव चुप्पी साधे हुए हैं. उधर, आरजेडी लगातार दावा कर रही है कि शरद यादव बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे.आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने तो यह भी कह दिया कि शरद यादव हमारे नेता हैं.
शरद यादव ने ट्वीट करके मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. इससे उनकी बीजेपी को लेकर नाराजगी साफ झलकती है. ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'न ही विदेशों में जमा कालाधन भारत लाया गया है, जो कि सत्ता में बैठी पार्टी का मुख्य नारा था और न ही पनामा पेपर्स मामले में जिनका नाम है उनमें से किसी को पकड़ा गया है.' इससे पहले भी शरद यादव ने शुक्रवार और शनिवार को भी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कई ट्वीट किए थे.
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव के भाजपा के साथ नहीं जाने का रविवार को दावा करते हुए उनसे अपील की कि सांप्रदायिक ताकतों को परास्त करने के लिए वे पूरे देश का भ्रमण करें तथा इसमें वे अपनी पूरी शक्ति लगा दें. लालू ने कहा — आज देश में जिस प्रकार का संप्रदायिक माहौल उत्पन्न किया गया है वैसी स्थिति में शरद जी जैसे धर्मनिरपेक्ष नेताओं की सख्त जरूरत है.
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उन्होंने कहा कि इस संबंध में वे शरद जी से बातचीत करेंगे. उल्लेखनीय है कि होटल के बदले भूखंड मामले में सीबीआई की प्राथमिकी को लेकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के जनता के बीच स्पष्टीकरण पर अड़े जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गत 26 जुलाई को महागठबंधन (जदयू—राजद—कांग्रेस) से नाता तोड़ लिया था.
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'हम नीतीश कुमार के हर शब्द पर भरोसा कर रहे थे, लेकिन वो RSS की स्क्रिप्ट के अनुसार चल रहे थे'
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजग खेमे में लौटने और भाजपा के साथ गठबंधन करने के बाद गत शुक्रवार को जिस दिन नीतीश ने बिहार विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया उसी दिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कि शरद के घर जाकर उनसे लंबी बात की थी.
VIDEO : जेडीयू में नीतीश कुमार के फ़ैसले का हो रहा विरोध
उल्लेखनीय है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने इससे पूर्व शरद यादव को यूपीए में भी शामिल होने का भी न्योता दिया था, पर शरद द्वारा इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की गई है.
(इनपुट भाषा से)
शरद यादव ने ट्वीट करके मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. इससे उनकी बीजेपी को लेकर नाराजगी साफ झलकती है. ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'न ही विदेशों में जमा कालाधन भारत लाया गया है, जो कि सत्ता में बैठी पार्टी का मुख्य नारा था और न ही पनामा पेपर्स मामले में जिनका नाम है उनमें से किसी को पकड़ा गया है.' इससे पहले भी शरद यादव ने शुक्रवार और शनिवार को भी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कई ट्वीट किए थे.
Neither black money slashed abroad returned, one of d main slogans of d ruling party nor anyone caught out of those named in Panama papers.
— SHARAD YADAV (@SharadYadavMP) July 30, 2017
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव के भाजपा के साथ नहीं जाने का रविवार को दावा करते हुए उनसे अपील की कि सांप्रदायिक ताकतों को परास्त करने के लिए वे पूरे देश का भ्रमण करें तथा इसमें वे अपनी पूरी शक्ति लगा दें. लालू ने कहा — आज देश में जिस प्रकार का संप्रदायिक माहौल उत्पन्न किया गया है वैसी स्थिति में शरद जी जैसे धर्मनिरपेक्ष नेताओं की सख्त जरूरत है.
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उन्होंने कहा कि इस संबंध में वे शरद जी से बातचीत करेंगे. उल्लेखनीय है कि होटल के बदले भूखंड मामले में सीबीआई की प्राथमिकी को लेकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के जनता के बीच स्पष्टीकरण पर अड़े जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गत 26 जुलाई को महागठबंधन (जदयू—राजद—कांग्रेस) से नाता तोड़ लिया था.
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उल्लेखनीय है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने इससे पूर्व शरद यादव को यूपीए में भी शामिल होने का भी न्योता दिया था, पर शरद द्वारा इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की गई है.
(इनपुट भाषा से)
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