
बिहार के कटिहार जिले में तैनात लोक शिकायत निवारण अधिकारी श्वेता मिश्रा के ठिकानों पर गुरुवार को स्पेशल विजिलेंस यूनिट की टीम ने छापेमारी (Bihar Raid) की. इस दौरान उनके घर से लाखों रुपये नकद और कई अहम दस्तावेज बरामद किए गए. आय से अधिक संपत्ति मामले में उन पर ये कार्रवाई की गई. आरोप है कि श्वेता मिश्रा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 80 लाख रुपये से ज्यादा की अधिक अवैध संपत्ति अर्जित की है.
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श्वेता मिश्रा पर रिश्वत मांगने का आरोप
जानकारी के मुताबिक, गुरुवार सुबह स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) मनिहारी अनुमंडल की लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी श्वेता मिश्रा के सरकारी आवास पर छापेमारी करने पहुंची. बता दें कि श्वेता मिश्रा का आरा सदर की भूमि सुधार उप समाहर्ता पद से तबादला कर कटिहार के मनिहारी अनुमंडल में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बनाया गया था. उन पर रिश्वत मांगने और गलत तरीके से काम करने के गंभीर आरोप लगे थे.
गलत तरीके से काम कराने का भी आरोप
राजस्व विभाग की पूर्व पदाधिकारी श्वेता मिश्रा के खिलाफ चल रही जांच के तहत उनके घर और कार्यालय पर तलाशी ली गई. राजस्व विभाग के बयान के मुताबिक, श्वेता मिश्रा पर बाहरी लोगों से गलत तरीके से काम कराने का भी आरोप है. भोजपुर के जिलाधिकारी ने उनके ऑफिस पर छापा मारा था. उस समय एक बाहरी व्यक्ति काम करते हुए पाया गया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. आरोप है कि उन्होंने दाखिल-खारिज के आवेदन पास करने के बदले रिश्वत की मांग की थी. इसके अलावा, उन्होंने बिना सूचना के अपील मामलों की सुनवाई कर उन्हें रद्द कर दिया था.
पूर्व शिक्षा मंत्री ने रेड टीम पर ही उठाए सवाल
पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. राम प्रकाश महतो ने कहा कि यह अराजकता की पराकाष्ठा है. रेड में पहुंचे अधिकारी अगर मंत्री की गाड़ी से रेड पर पहुंचते हैं तो इस पर सवाल उठता है, कहीं न कहीं सरकार के मंत्री और अधिकारी की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर जांच होनी चाहिए. जो गलत कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. बिहार में अराजकता की स्थिति बन गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 'बेचारा' हो गए हैं.
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