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अरवल में पलटा महागठबंधन का समीकरण: NDA की क्लीन स्वीप, 'लालटेन' बुझी

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने अरवल जिले के सियासी गणित को पूरी तरह पलट कर रख दिया है. साल 2000 में गठन के बाद से अरवल जिले की दोनों विधानसभा सीटों पर जहां महागठबंधन का दबदबा रहा था, वहीं इस बार दोनों सीटों पर एनडीए ने जबरदस्त जीत हासिल की है. विश्वनाथ कुमार की रिपोर्ट

अरवल में पलटा महागठबंधन का समीकरण: NDA की क्लीन स्वीप, 'लालटेन' बुझी

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने अरवल जिले के सियासी गणित को पूरी तरह पलट कर रख दिया है. साल 2000 में गठन के बाद से अरवल जिले की दोनों विधानसभा सीटों पर जहां महागठबंधन का दबदबा रहा था, वहीं इस बार दोनों सीटों पर एनडीए ने जबरदस्त जीत हासिल की है. अरवल विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी मनोज कुमार शर्मा और कुर्था विधानसभा सीट पर जदयू प्रत्याशी पप्पू कुमार वर्मा ने जीत दर्ज करते हुए महागठबंधन के तमाम समीकरणों को ध्वस्त कर दिया.

NDA के जश्न में डूबा इलाका, महागठबंधन की तैयारी धरी रह गई

दोनों विधानसभा सीटों पर NDA की जीत सुनिश्चित होते ही इलाके में जबरदस्त जश्न का माहौल देखा गया. भाजपा और जदयू कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़े, अबीर और गुलाल लगाकर जीत का जश्न मनाया. इसके विपरीत, महागठबंधन की ओर से की गई जश्न की तमाम तैयारियां धरी रह गईं. 'लालटेन छाप' वाले हरे झंडों का सैलाब अब खामोशी में डूबा है. दोपहर तक आए रुझानों ने तेजस्वी यादव की अगुवाई वाले महागठबंधन को अरवल जिले के दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में काफी पीछे छोड़ दिया. चुनाव नतीजों से पहले RJD खेमे में जीत का उत्साह था, लेकिन अब वही हरे झंडों का सैलाब खामोशी में बिखरा पड़ा है, और चुनावी जश्न अधूरा रह गया.

हारने-जीतने के बाद क्या बोले प्रत्याशी?

अरवल से जीते बीजेपी प्रत्याशी मनोज कुमार शर्मा ने कहा, "जनता का भरपूर आशीर्वाद मिला है. जनता ने लाल झंडा की आड़ में हो रहे अत्याचार के विरोध में मताधिकार का प्रयोग किया है. जनता की हर समस्या के लिए तत्परता के साथ खड़े रहेंगे." वहीं, आरजेडी प्रत्याशी महानंद सिंह ने हारने के बाद कहा, "समीक्षा की जा रही है, जातीय फैक्टर का असर दिखाई दे रहा है. MY समीकरण का भरपूर सहयोग मिला. हार के बावजूद भी जनता के लिए सड़क पर उतरकर न्याय दिलाता रहूंगा."

कुर्था विधानसभा: जाति-धर्म का समर्थन या 'MY' फैक्टर?

जेडीयू से विजेता पप्पू कुमार वर्मा ने जीत का श्रेय सभी जाति धर्म के लोगों के सहयोग को दिया और कहा कि पिछले 20 वर्षों से लगातार क्षेत्र में हर सुख-दुख में जनता की सेवा का असर हुआ है. कुमार कृष्ण मोहन उर्फ सुदय यादव (RJD) ने कहा, "उन्होंने जनता के निर्णय को स्वीकार किया, लेकिन साथ ही कहा कि बिहार के जातीय समीकरण और MY फैक्टर का सहयोग महागठबंधन को भरपूर मिला.

सियासी विश्लेषण

अरवल जिले में दोनों सीटों पर NDA की जीत ने यह सिद्ध किया कि केवल MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं रहा. भाजपा प्रत्याशी मनोज शर्मा के अनुसार, यह जीत 'लाल झंडा की आड़ में हो रहे अत्याचार' के विरोध में जनता के मताधिकार का प्रयोग थी. दूसरी ओर, पूर्व विधायक महानंद सिंह ने हार का कारण जातीय फैक्टर के असर को बताया, जिसकी समीक्षा की जा रही है. चुनाव के नतीजों के रुझानों ने बिहार की राजनीति की अनिश्चितता को एक बार फिर दिखाया है, जहां उम्मीदें पलक झपकते ही निराशा में बदल जाती हैं. 

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