राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित आरजेडी के अधिवेशण में सोमवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री और पार्टी नेता तेजस्वी यादव ने हुंकार भरी. कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जहां उन्होंने सभी को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए तैयार रहने के लिए कहा, वहीं उन्होंने पार्टी में रहकर पार्टी के खिलाफ काम करन वालों को भी स्पष्ट संदेश दिया कि वे इस संबंध में फैसला कर लें कि उन्हें किस तरफ रहना है.
उन्होंने कहा, " हम समाजवाद पर चलने वाले लोग हैं. अगर कट्टरपंथ का कोई जवाब दे सकता है वो समाजवाद ही दे सकता है. इन लोगों का बहुत एजेंडा है. ऐसे में केवल एक ही अपील है कि आप सभी लोग गोलबंद रहिए. कहीं भी घबराने की जरूरत नहीं है. हमारी पार्टी है, हमारा गठबंधन है. ऐसे में हमें कभी-कभी बड़े लक्ष्यों को देखना है. अगर क्षेत्रीय दल आपस में ही लड़ते रहेंगे, तो वो सबसे बड़ी बेवकूफी होगी. इसलिए हमें एकजुट रहना है."
“आप 2024 के लिए तैयार रहे...हम जीतेंगे”: पार्टी अधिवेशन में #TejashwiYadav pic.twitter.com/JUHJdYcB1Q
— NDTV India (@ndtvindia) October 10, 2022
तेजस्वी ने कहा, " कोई भी हमारे दल का साथी कुछ ऐसा बोलेंगे, जिससे बीजेपी को फायदा होगा तो हम बता देना चाहते हैं कि आज या तो आप बीजेपी के तरफ रहिए या तो उनके विरोध में रहिए. दोनों जगह रहकर काम नहीं होने वाला है. इसलिए आप सभी लोगों को हम ये बताना चाहते हैं कि हमें एकजुट रहना है. आप सभी 2024 के लिए तैयार हैं कि नहीं ? हम सभी जीतेंगे. हमने तो पहले ही कहा था कि करे के बा, लड़े के बा, जीते के बा. "
तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘आरजेडी सभी की पार्टी है. यह हर किसी की पार्टी है.'' उन्होंने बीजेपी पर बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे असल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए साम्प्रदायिक आधार पर समाज को बांटने का आरोप लगाया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता 75 वर्ष में देश में चाय की एक दुकान से सर्वोच्च शासकीय पद तक पहुंचने वाले पहले व्यक्ति हैं जबकि उनके आठ साल के कार्यकाल में इंजीनियरिंग और अन्य डिग्री धारकों को चाय की दुकानों पर काम करने के लिए विवश होना पड़ा. उन्होंने आरोप लगाया कि देश को बर्बाद किया जा रहा है और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का संविधान लागू किया जा रहा है.
गैर-बीजेपी दलों के बीच एकता का आह्वान करते हुए यादव ने कहा कि सभी विपक्षी दलों और नेताओं को सत्तारूढ़ पार्टी से लड़ने के लिए अपने अहंकार और निजी हितों को किनारे रखना होगा.
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