
- बिहार में ड्राफ्ट मतदाता सूची के फॉर्मेट को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ है और इसके बदलाव का दावा किया जा रहा है
- चुनाव आयोग ने इस तरह के किसी भी दावे को गलत बताया है
- आयोग का कहना है कि 1 अगस्त 2025 से प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची में कोई बदलाव नहीं किया गया है
बिहार में ड्राफ्ट मतदाता सूची के फॉर्मेट को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. दावा किया जा रहा है कि चुनाव आयोग ने मतदाता सेवा पोर्टल पर उपलब्ध ड्राफ्ट सूची के फॉर्मेट में बदलाव कर दिया है. हालांकि चुनाव आयोग ने दावे को गलत बताया है. दावे में कहा गया है कि सूची टेक्स्ट-बेस्ड पीडीएफ फॉर्मेट में डाउनलोड होती थी, लेकिन अब यह इमेज-बेस्ड पीडीएफ के रूप में उपलब्ध है. यानी पूरी फाइल स्कैन की हुई इमेज के रूप में है.
इस बदलाव को लेकर कहा जा रहा है कि अब मतदाता सूची में किसी नाम या अन्य जानकारी को कीवर्ड के सहारे खोजना लगभग असंभव हो गया है. टेक्स्ट-बेस्ड फाइल में सर्च फंक्शन का इस्तेमाल करके आसानी से नाम या डिटेल ढूंढी जा सकती थी, लेकिन इमेज-बेस्ड फॉर्मेट में यह सुविधा खत्म हो गई है.
इसके साथ ही फाइल का आकार भी पहले की तुलना में काफी बढ़ गया है. उदाहरण के तौर पर, गया जिले के अतरी विधानसभा क्षेत्र के भाग संख्या 354 की 1 अगस्त को डाउनलोड की गई फाइल का साइज 938 KB था, जबकि मौजूदा तारीख में डाउनलोड की गई उसी बूथ की फाइल 4870 KB की है यानी लगभग 5 गुना बड़ी. इससे यह अटकलें और तेज हो गईं कि फॉर्मेट में बदलाव हुआ है.
हालांकि, चुनाव आयोग ने इन दावों को खारिज किया है. आयोग का कहना है कि 1 अगस्त 2025 से प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची में कोई बदलाव नहीं किया गया है. आयोग ने स्पष्ट किया कि संबंधित निर्वाचन अधिकारी (ईआरओ) द्वारा दावों और आपत्तियों के निपटारे के बाद ही सूची में बदलाव किए जाएंगे. फिलहाल मसौदा मतदाता सूची voters.eci.gov.in वेबसाइट पर उपलब्ध है.
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