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धमदाहा विधानसभा का सियासी संग्राम: लेशी सिंह के गढ़ में RJD के संतोष कुशवाहा की चुनौती

पूर्णिया जिले के पश्चिमी भाग में स्थित धमदाहा विधानसभा क्षेत्र, लंबे समय से जनता दल (यूनाइटेड) यानी JDU का अभेद्य किला रहा है. यह सीट पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और यहां से बिहार की खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह कई बार प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.

धमदाहा विधानसभा का सियासी संग्राम: लेशी सिंह के गढ़ में RJD के संतोष कुशवाहा की चुनौती
  • धमदाहा बिहार के पूर्णिया जिले में स्थित है और यह क्षेत्र लंबे समय से जनता दल (यूनाइटेड) का मजबूत गढ़ रहा है
  • क्षेत्र में कृषि प्रमुख आर्थिक गतिविधि है, लेकिन मौसमी बाढ़ और सिंचाई के अभाव से आर्थिक विकास पर असर पड़ता है
  • धमदाहा में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और मुस्लिम समुदायों के मतदाता महत्वपूर्ण हिस्सा रखते हैं.
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पूर्णिया जिले के पश्चिमी भाग में स्थित धमदाहा विधानसभा क्षेत्र, लंबे समय से जनता दल (यूनाइटेड) यानी JDU का अभेद्य किला रहा है. यह सीट पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और यहां से बिहार की खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह कई बार प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. हालांकि, इस बार यह सीट एक हाई-प्रोफाइल मुकाबले का केंद्र बन गई है, क्योंकि लेशी सिंह के पूर्व सहयोगी और पूर्णिया के पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा ने पाला बदलकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के टिकट पर उन्हें चुनौती दी है.

जिला मुख्यालय पूर्णिया से लगभग 32 किमी पश्चिम में स्थित धमदाहा एक प्रमुखत: ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र है। कोसी और फुलहार नदियों से सिंचित यह इलाका भौगोलिक रूप से समतल और उपजाऊ है. लेकिन, नदियों के कारण यह क्षेत्र अक्सर मौसमी बाढ़ की चपेट में आ जाता है, जो यहां की अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.

वोट गणित और सामाजिक समीकरण

धमदाहा सीट पर विभिन्न समुदायों की उपस्थिति है, लेकिन कोई एक समूह पूरी तरह से हावी नहीं है. 2020 में धमदाहा में 3,15,754 पंजीकृत मतदाता थे, इनमें अनुसूचित जाति 52,668 (16.68%), अनुसूचित जनजाति 22,797 (7.22%) और मुस्लिम मतदाता 62,519 (19.80%) थे. 2024 के लोकसभा चुनावों में यह संख्या बढ़कर 3,26,417 हो गई.

क्या खास है?

धमदाहा की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से कृषि (धान, मक्का, गेहूं, जूट) पर निर्भर है. लेकिन बाढ़ नियंत्रण और बड़े सिंचाई ढांचे की कमी कृषि के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. छोटे व्यापार, डेयरी फार्मिंग और प्रवासी मजदूरों की कमाई लोगों की आय का मुख्य स्रोत हैं. बाढ़ नियंत्रण, बेहतर सड़क निर्माण और शिक्षा जैसे मुद्दे अब भी प्रमुख विकास संबंधी चुनौतियां हैं.

लेशी सिंह ने इस सीट से जद(यू) के लिए 2000, फरवरी 2005, 2010, 2015 और 2020 में पांच बार जीत हासिल की है. वह केवल अक्टूबर 2005 में RJD के दिलीप कुमार यादव से हारी थीं. उनकी जीत का अंतर हमेशा भारी रहा है, जो इस सीट पर उनके मजबूत व्यक्तिगत प्रभाव को दर्शाता है.

माहौल क्या है?

इस बार धमदाहा का मुकाबला अप्रत्याशित हो सकता है. जहां लेशी सिंह अपनी मजबूत व्यक्तिगत पकड़, महिला मतदाताओं के समर्थन और जदयू के संगठनात्मक बल पर निर्भर रहेंगी, वहीं संतोष कुशवाहा अपनी पूर्व की पहचान, RJD के मजबूत एम-वाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण और एंटी-इनकम्बेंसी को भुनाने की कोशिश करेंगे.

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