
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश चुनाव समिति का गठन किया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम की अगुवाई में गठित इस कमिटी में 39 सदस्य बनाए गए हैं. पटना में गुरुवार को कमिटी की बैठक होगी. इस कमेटी की बैठक में विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के चयन के लिए पार्टी नेतृत्व को अधिकृत किया जाएगा. इसके बाद 19 सितंबर को दिल्ली में अजय माकन की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग कमिटी की पहली बैठक होगी.
सीट शेयरिंग पर सभी की नजरें
हालांकि, नजर इस बात पर टिकी है कि आरजेडी कांग्रेस को कितनी सीटें देती है. बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर लड़कर केवल 19 सीटें ही जीती थीं. इस बार कांग्रेस को करीब 55 सीटें मिल सकती हैं.
सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह को बड़ी जिम्मेदारी
सामाजिक समीकरण साधने के लिए प्रदेश चुनाव समिति में कांग्रेस ने अति पिछड़ी जाति के नेताओं को जगह दी है. बिहार के सभी सांसद, विधायक, विधान पार्षद, सीडब्ल्यूसी के सदस्य और एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी इसके सदस्य होंगे. सूत्रों के मुताबिक बिहार में कैंपेन कमिटी यानी प्रचार अभियान समिति की जिम्मेदारी सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह को दी जा सकती है.
कैसा रहा था पिछला चुनाव
बता दें कि 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव तीन चरणों में संपन्न हुए थे. पहले चरण में दक्षिण और दक्षिण पूर्व बिहार के इलाकों में चुनाव हुआ था. इस चरण में महागठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया था और 71 में से 48 सीटों पर जीत हासिल की थी. तब आरजेडी और कांग्रेस समेत कुछ अन्य दलों के गठबंधन को महागठबंधन कहा जाता था, जो अब इंडिया गठबंधन कहलाता है.
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कांटे की लड़ाई हुई और महज कुछ सीटों की बढ़त से एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनाने में सफ़ल रही. इंडिया गठबंधन ने सबसे शानदार प्रदर्शन पहले चरण के चुनाव में किया. ये सभी ज़िले बिहार के दक्षिणी और दक्षिण पूर्व इलाके के हैं.
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