बिहार के सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
- CM नीतीश ने बिहार मुखियाओं को दिया आश्वासन
- बोले- नहीं किया जा रहा आपका अधिकार कम
- मुखियाओं को मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद राहत मिली
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मोतिहारी:
बिहार में जिस सात निश्चय के वादे पर नीतीश कुमार सता में वापस आए, उस पर बहुत ही धीमी गति से काम हो रहा है. इसका एक बड़ा कारण राज्य के मुखिया की जगह वार्ड सदस्यों के माध्यम से काम कराने की सरकार की नीति. लेकिन अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भरोसा दिलाया हैं कि मुखिया के अधिकारों में कोई कटौती नहीं की जाएगी. नीतीश बुधवार को मोतिहारी जिले में एक सभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर मुखिया लोगों के बीच एक भ्रम फैलाया गया है कि उनके अधिकार कम किए जा रहे हैं, लेकिन इस पूरे योजना का क्रियान्वयन जल्द हो इसलिए इसका विकेंद्रीकरण किया गया. निश्चित रूप से राज्य के मुखिया लोगों में मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद राहत होगी.
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फ़िलहाल, सात निश्चय में हर घर जल, हर गांव में नालों के निर्माण में वार्ड सदस्यों की भूमिका प्रमुख कर दी गयी है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ मुखिया संघ कई बार पटना हाईकोर्ट भी गया, लेकिन फैसला उनके अनुकूल नहीं आया. नीतीश कुमार का कहना हैं कि वार्ड सदस्यों के साथ सहयोग करने और काम पूरा होने पर आखिरकार मुखिया लोगों का ही समाज में सम्मान बढ़ेगा.
VIDEO: प्राइवेट सेक्टर में भी होना चाहिए आरक्षण : नीतीश कुमार
लेकिन अब सवाल ये है कि मुख्यमंत्री के अश्वासन के बाद गांव में मुखिया वार्ड सदस्यों के साथ कितना सहयोग करते हैं. हालांकि, कई लोगों का मानना है कि सरकार को वार्ड सदस्यों के लिए विशेष ट्रेनिंग की व्यवस्था करनी चाहिए. इससे पूर्व राज्य में ग्रामीण इलाकों में विद्यालय के भवन निर्माण का काम नीतीश कुमार पंचायतों के माध्यम से करवा चुके हैं.
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फ़िलहाल, सात निश्चय में हर घर जल, हर गांव में नालों के निर्माण में वार्ड सदस्यों की भूमिका प्रमुख कर दी गयी है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ मुखिया संघ कई बार पटना हाईकोर्ट भी गया, लेकिन फैसला उनके अनुकूल नहीं आया. नीतीश कुमार का कहना हैं कि वार्ड सदस्यों के साथ सहयोग करने और काम पूरा होने पर आखिरकार मुखिया लोगों का ही समाज में सम्मान बढ़ेगा.
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लेकिन अब सवाल ये है कि मुख्यमंत्री के अश्वासन के बाद गांव में मुखिया वार्ड सदस्यों के साथ कितना सहयोग करते हैं. हालांकि, कई लोगों का मानना है कि सरकार को वार्ड सदस्यों के लिए विशेष ट्रेनिंग की व्यवस्था करनी चाहिए. इससे पूर्व राज्य में ग्रामीण इलाकों में विद्यालय के भवन निर्माण का काम नीतीश कुमार पंचायतों के माध्यम से करवा चुके हैं.
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