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Chenari Result: चेनारी में चिराग के मुरारी की टक्कर कांग्रेस के मंगल से, किसे विधायक चुनेंगे लोग, जानें समीकरण

चेनारी विधासनभा सीट पर दूसरे चरण में 11 नवंबर को 65.83 प्रतिशत मतदान हुआ है. अब देखना है कि चेनारी की जनता किसे अपना विधायक चुनती है.

Chenari Result: चेनारी में चिराग के मुरारी की टक्कर कांग्रेस के मंगल से, किसे विधायक चुनेंगे लोग, जानें समीकरण
चेनारी विधानसभा सीट के एनडीए के उम्मीदवार मुरारी गौतम.

Chenari (SC) Assembly Election Result 2025: बिहार के रोहतास जिले की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर स्थित चेनारी विधानसभा क्षेत्र राजनीति में एक अलग पहचान रखती है. सासाराम लोकसभा के अंतर्गत आने वाली सीट छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. यह क्षेत्र मुख्य रूप से चेनारी, रोहतास और नौहट्टा प्रखंडों के साथ शिवसागर प्रखंड की कुछ ग्राम पंचायतों को मिलाकर बना है. इसका इलाका सासाराम और डेहरी अनुमंडलों में फैला है. चेनारी विधानसभा सीट पर एनडीए की ओर से चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) से मुरारी प्रसाद गौतम मैदान में है. जबकि दूसरी ओर महागठबंधन की ओर से कांग्रेस ने मंगल राम को अपना उम्मीदवार घोषित किया है.
 

चेनारी विधासनभा सीट पर दूसरे चरण में 11 नवंबर को 65.83 प्रतिशत मतदान हुआ है. अब देखना है कि चेनारी की जनता किसे अपना विधायक चुनती है.


मुरारी गौतम यहां के निर्वतमान विधायक है. पिछली बार वो कांग्रेस से जीते थे, लेकिन इस बार चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. उनके भाजपा में शामिल होने की चर्चा थी. बाद में उन्हें चिराग की पार्टी से टिकट दिया गया.

यह क्षेत्र अनुसूचित जातियों (एससी) के लिए आरक्षित विधानसभा सीट है. चेनारी से 23 किमी पूर्व में सासाराम, 30 किमी पश्चिम में भभुआ, 35 किमी उत्तर-पश्चिम में मोहनिया और 40 किमी उत्तर-पूर्व में नोखा स्थित है. दुर्गावती नदी इस क्षेत्र के पास बहती है, जबकि सोन नदी लगभग 30 किमी दूर स्थित है.

दोनों नदियां कृषि और जलापूर्ति के लिए जीवनरेखा हैं. चेनारी का एक बड़ा भाग रोहतास पठार पर स्थित है, जो विंध्याचल पर्वतमाला के पूर्वी छोर का हिस्सा है. इस पहाड़ी संरचना के कारण यहां बड़े सिंचाई प्रोजेक्ट लागू करना चुनौतीपूर्ण साबित होता है.

चेनारी का इतिहास शेरशाह सूरी की सत्ता से जुड़ा है. यहां से लगभग 13 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित शेरगढ़ किला इस क्षेत्र की ऐतिहासिक पहचान है. इतिहासकारों की मानें तो यह किला या तो शेरशाह के समय में निर्मित हुआ या फिर उनके शासनकाल में पुनर्निर्मित कर रक्षा-दुर्ग के रूप में इस्तेमाल किया गया. यह इलाका कभी मगध साम्राज्य से लेकर सूर शासन तक प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है.

चेनारी एक ग्रामीण बहुल और अविकसित क्षेत्र है. स्वास्थ्य सेवाओं की कमी सबसे बड़ी समस्या है. यहां की कुछ सड़कें जर्जर हैं, जिससे गांवों के बीच संपर्क कमजोर है. साथ ही, शिक्षा और रोजगार के अवसर सीमित हैं, जिसके कारण युवा पलायन कर रहे हैं. पहाड़ी इलाके के कारण सिंचाई और कृषि उत्पादन भी असमान है. ग्रामीण जनता लगातार स्थायी विकास और सरकारी योजनाओं की बेहतर पहुंच की मांग कर रही है.

1962 में अस्तित्व में आने के बाद, चेनारी की राजनीति समाजवादी विचारधारा से प्रभावित रही है. यहां की जनता ने लंबे समय तक वाम और दक्षिणपंथी दलों से दूरी बनाए रखी. इस सीट पर अब तक हुए 16 विधानसभा चुनावों (2009 के उपचुनाव सहित) में कांग्रेस ने 6 बार, जबकि विभिन्न दलों ने 10 बार जीत दर्ज की है. इनमें जदयू ने 3 बार, जनता दल ने 2 बार जीत दर्ज की है. इसके अलावा, राजद, हिंदुस्तानी समाजवादी पार्टी, जनता पार्टी, लोक दल और रालोसपा ने 1-1 बार जीत हासिल की.

चेनारी में पासवान और रविदास समुदाय निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इन समुदायों का समर्थन जिस दल को मिलता है, उसकी जीत पक्की मानी जाती है. इसके अलावा, ओबीसी और अल्पसंख्यक मतदाता भी संतुलन बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं.

2020 में कांग्रेस के टिकट से जीते थे मुरारी प्रसाद गौतम

2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मुरारी प्रसाद गौतम ने जदयू के ललन पासवान को हराकर यह सीट जीती थी. हालांकि, बाद में उन्होंने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था. चुनाव आयोग के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, चेनारी की कुल जनसंख्या 5,34,772 है, जिसमें 2,75,349 पुरुष और 2,59,423 महिलाएं शामिल हैं. वहीं, कुल मतदाताओं की संख्या 3,15,790 है, जिनमें 1,64,324 पुरुष, 1,51,460 महिलाएं और 6 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं.

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