
भारतीय जनता पार्टी राजधानी पटना में नेक्स्ट जेनरेशन लीडरशिप तैयार करने की ओर कदम बढ़ा रही है. पार्टी ने पटना की दो सीटों पर मौजूदा उम्मीदवारों के टिकट काटकर नए और युवा उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. पटना साहिब से विधायक नंदकिशोर यादव और कुम्हरार से विधायक अरुण सिन्हा का टिकट काटकर पार्टी ने रत्नेश कुशवाहा और संजय गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है. कुम्हरार सीट से मौजूदा विधायक अरुण सिन्हा का टिकट कटा है. उनकी जगह पार्टी ने संजय गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है. संजय गुप्ता लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे हैं, जब भारतीय जनता युवा मोर्चा में सक्रिय थे, इसके बाद पार्टी ने उन्हें प्रदेश महामंत्री भी बनाया.कुम्हरार भाजपा की सबसे सेफ सीटों में से एक है.
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वही पटना साहिब सीट से विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव का टिकट काटकर पार्टी ने रत्नेश कुशवाहा को अपना उम्मीदवार बनाया है. रत्नेश कुशवाहा फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री हैं. पटना हाई कोर्ट में वकील हैं. लंबे समय से पार्टी से जुड़े रहे हैं. पटना विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनावों में उनकी अहम भूमिका होती है. सम्राट अशोक जयंती के कार्यक्रमों के संयोजक रहे हैं। सम्राट चौधरी के करीबी माने जाते हैं.
दानापुर सीट से रामकृपाल यादव को टिकट मिला है. वो लोकसभा का चुनाव हार गए थे. मीसा भारती ने उन्हें चुनाव में हराया था. नितिन नवीन को भी चुनावी मैदान में उतारा गया है. वह बांकीपुर से चुनाव लड़ेंगे. उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा को लखीसराय ने से मैदान में उतारा है. रामकृपाल यादव और सम्राट चौधरी अभी तक विधायक नहीं बने थे. हालांकि स्पीकर नंदकिशोर यादव का टिकट कटा है. बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. नंद किशोर यादव का टिकट कटना इस बात का साफ इशारा है कि कैसे बीजेपी बिहार में अपनी नई लीडरशिप तैयार करना चाहती है.
दोनों ही प्रत्याशी युवा हैं। पास की सीट बांकीपुर से नितिन नवीन उम्मीदवार हैं। उनकी पहचान तेजतर्रार युवा मंत्री के रूप में है. यह तीनों सीटें पटना शहर की सीटें हैं. इन तीनों सीटों पर युवा उम्मीदवार को टिकट देकर पार्टी राजधानी में नेक्स्ट जेनरेशन लीडरशिप तैयार कर रही है.
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