प्रतीकात्मक तस्वीर.
मुजफ्फरपुर (बिहार):
मुजफ्फरपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती एक महिला को अस्पताल के कर्मचारी ने दवा खाने के लिए गलती से पानी की जगह तेजाब दे दिया, जिसके कारण महिला की मौत हो गई. वैशाली जिले के गोरौल पुलिस थाना अंतर्गत एक गांव की रहने वाली श्यामली देवी (60) का बीती शाम मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा पुलिस थाना अंतर्गत इस अस्पताल में आंख का ऑपरेशन हुआ था.
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ब्रह्मपुरा के थाना प्रभारी (एसएचओ) धर्मेंद्र कुमार ने बताया, 'ऑपरेशन के बाद उन्हें कुछ दवाइयां लेनी थीं और जब उन्होंने दवाई खाने के लिए पैरामेडिकल कर्मचारी से पानी मांगा तो उसने तेजाब से भरे बोतल को गलती से पानी समझकर महिला को वही बोतल दे दिया.' उन्होंने बताया, 'तेजाब पीने के बाद महिला ने जोर-जोर से चीखना शुरू किया. इसके बाद कर्मचारी ने महिला का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर को बुलाया. महिला को तुरंत पास के नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, जहां आज सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया.'
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गलती से तेजाब पीने के कारण महिला का मुंह और गला बुरी तरह से झुलस गया था. उन्होंने बताया कि महिला कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं थी, इसलिए हम उनका बयान रिकॉर्ड नहीं कर पाए. दोषी डॉक्टर और कर्मचारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. सिविल सर्जन ललिता सिंह ने कहा कि प्रथम दृष्टया मामला चिकित्साकर्मियों की लापरवाही का लगता है. जांच पूरी होने के बाद उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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ब्रह्मपुरा के थाना प्रभारी (एसएचओ) धर्मेंद्र कुमार ने बताया, 'ऑपरेशन के बाद उन्हें कुछ दवाइयां लेनी थीं और जब उन्होंने दवाई खाने के लिए पैरामेडिकल कर्मचारी से पानी मांगा तो उसने तेजाब से भरे बोतल को गलती से पानी समझकर महिला को वही बोतल दे दिया.' उन्होंने बताया, 'तेजाब पीने के बाद महिला ने जोर-जोर से चीखना शुरू किया. इसके बाद कर्मचारी ने महिला का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर को बुलाया. महिला को तुरंत पास के नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, जहां आज सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया.'
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गलती से तेजाब पीने के कारण महिला का मुंह और गला बुरी तरह से झुलस गया था. उन्होंने बताया कि महिला कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं थी, इसलिए हम उनका बयान रिकॉर्ड नहीं कर पाए. दोषी डॉक्टर और कर्मचारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. सिविल सर्जन ललिता सिंह ने कहा कि प्रथम दृष्टया मामला चिकित्साकर्मियों की लापरवाही का लगता है. जांच पूरी होने के बाद उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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