मुजफ्फरपुर नगर विधानसभा सीट पर सीधा मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच रहता है. इस बार इस लड़ाई में बीजेपी ने बाजी मार ली. बीजेपी ने सुरेश शर्मा को हटाकर इस बार रंजन कुमार को उम्मीदवार बनाया था, जिन्होंने कांग्रेस विधायक विजेंद्र चौधरी को 32657 वोटों से हराया. रंजन कुमार ने 100447 वोट हासिल किए, वहीं विजेंद्र चौधरी को 67820 वोट ही हासिल हो सके.

मुजफ्फरपुर नगर विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़े संघर्ष को दर्शाता है. 2020 के विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस के विजेंद्र चौधरी ने भाजपा के सुरेश शर्मा को 6,326 वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी. विजेंद्र चौधरी को 81,871 वोट मिले, जबकि सुरेश शर्मा को 75,545 वोट मिले थे.
हालांकि, 2015 के चुनाव में भाजपा के सुरेश शर्मा ने 95,594 वोट पाकर कांग्रेस के विजेंद्र चौधरी को 29,739 वोटों के बड़े अंतर से हराया था.
मुजफ्फरपुर नगर विधानसभा सीट की पहचान मुख्य रूप से यहां की विश्व प्रसिद्ध लीची के कारण है. इस शहरी क्षेत्र के प्रमुख स्थानीय मुद्दे पताही एयरपोर्ट का पुनर्संचालन, लीची को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाना, लहठी उद्योग को बढ़ावा देना और क्षेत्र में एम्स (AIIMS) की स्थापना की मांग हैं.
जनता की समस्याओं में शहर में भीषण जाम की स्थिति और संकीर्ण सड़कों का चौड़ीकरण न होना शामिल है. चुनावी दृष्टि से यह क्षेत्र कायस्थ और भूमिहार बहुल माना जाता है.
2020 चुनाव में मुजफ्फरपुर जिले की सीटवार स्थिति की बात करें तो, मुजफ्फरपुर नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा था. जिले में राजद का वर्चस्व कांटी, गायघाट, मीनापुर और बोचहा सीटों पर था. जबकि सकरा विधानसभा पर जदयू काबिज थी, वहीं औराई, बरूराज, साहेबगंज, पारू और कुढ़नी सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी.
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