जान है तो जहां है. हेलमेट सिर्फ पुलिस से बचने के लिए नहीं, बल्कि अपनी जान बचाने के लिए पहनना जरूरी है. सहरसा के ट्रैफिक डीएसपी ने 31 दिसंबर तक शत-प्रतिशत बाइकर्स को गांधीगिरी से हेलमेट पहनाने का संकल्प लिया है और इसका सकारात्मक असर भी दिख रहा है.
सहरसा में इन दिनों चौक-चौराहे पर बिना हेलमेट के बाइक चलाने वाले लोगों को रोक कर गुलाब का फूल भेंटकर हेलमेट लगाने का आग्रह किया जा रहा है. ऐसे बाइकर्स को रोक खुद ट्रैफिक डीएसपी उन्हें फूल दे रहे हैं और उन्हें हेलमेट पहनने के फायदे बता रहे हैं. उन्हें बताया जा रहा है कि हेलमेट लगा बाइक चलाने से सड़क दुर्घटना में कमी आती है. भीषण हादसे में भी लोगों की जान बचती है.
ट्रैफिक डीएसपी द्वारा रोके जाने और उन्हें फूल देकर उनसे हेलमेट लगाने का अनुरोध किये जाने के बाद वे लज्जित भी हो रहे है और उन्हें अपनी कमियों के एहसास भी हो रहा है. ऐसे बाइकर्स खुद बताते हैं कि खुद उनमे जागरूकता की कमी है. हेलमेट पुलिस से बचने के लिए नहीं, बल्कि सड़क दुर्घटना में खुद की जान बचाने का उपाय है. लोगों को निश्चित रूप से जागरूक होकर पुलिस की इस पहल का स्वागत करना चाहिए और निश्चित रूप से हेलमेट लगाना चाहिए.
सहरसा जैसे शहरों के बाइकर्स में आज भी इस जागरूकता की कमी है. यहां लोग हेलमेट लगाकर बाइक चलाना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं. जबकि वास्तव में यह पुलिस से या कानून द्वारा निर्धारित फाइन से बचने का नहीं, बल्कि अपनी जान बचाने का पहला साधन है. ट्रैफिक पुलिस की इस कदम का निश्चित रूप से स्वागत होना चाहिए.
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