
- मुजफ्फरपुर के मोहनपुर गांव में हिंदू परिवारों के घरों में मुस्लिम मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में दर्ज हैं.
- ग्रामीणों का कहना है कि मोहनपुर में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है, फिर भी मुस्लिम वोटर नाम सूची में है.
- ड्रॉफ्ट सूची में गड़बड़ी के बाद जांच हुई लेकिन फाइनल वोटर लिस्ट में भी कई मुस्लिम नाम हटाए नहीं गए हैं.
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के काम को लेकर भारी बवाल मचा था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कुछ सुधारों के साथ यह काम पूरा हुआ. एक अक्टूबर को आयोग ने फाइनल लिस्ट जारी की. लेकिन मतदाताओं की फाइनल लिस्ट में भी गड़बड़ी बरकरार है. इसका एक उदाहरण मुजफ्फरपुर जिले से सामने आया है. दरअसल मुजफ्फरपुर के सकरा प्रखंड में एक ऐसा गांव है, जहां एक भी मुस्लिम परिवार नहीं रहता है. लेकिन वोटर लिस्ट की ड्रॉफ्ट सूची में यहां रहने वाले हिंदू परिवारों के घर में मुस्लिम वोटर होने की बात सामने आई. इस गड़बड़ी पर आपत्ति की जाने के बाद भी वोटर लिस्ट में सुधार नहीं हो सका.
इस मामले में अधिकारियों ने कैमरे पर कुछ भी बोलने से साफ तौर पर इनकार किया, लेकिन उन्होंने बताया कि अगर इस पर आपत्ति आती है तो फॉर्म 8 भरकर वहां से नाम हटाया जा सकता है, लेकिन मकान संख्या किसी भी वोटरों का प्रतीकात्मक संख्या होती है फिर भी पूरे मामले की जांच कराई जाएगी.
मुजफ्फरपुर के सकरा के कटेसर पंचायत का मामला
मामला मुजफ्फरपुर जिले के सकरा विधानसभा क्षेत्र के कटेसर पंचायत के मोहनपुर गांव का है, जहां कई हिंदू परिवारों के घरों में मुस्लिम वोटरों के नाम जोड़ दिए गए हैं. जबकि ग्रामीणों के अनुसार उनके वार्ड में मुस्लिम परिवार रहते ही नहीं है, फिर भी मतदाता पुनः निरीक्षण फाइनल सूची जारी होने के बाद भी उनके घर के पत्ते से मुस्लिम वोटरों के नाम नहीं हटाए गए.
इसको लेकर लोगों में संशय की स्थिति बनी हुई है. लेकिन सवाल यह है कि आखिर जिस चीज की लिए मतदाता पुनः निरीक्षण किया गया था तो मतदाता सूची में इतनी भारी गड़बड़ी कैसे हो गई.

मोहनपुर गांव में बंद पड़े हिंदुओं के मकान, इन मकानों में मुस्लिम वोटरों का नाम वोटर लिस्ट में दिखाया गया है.
कटेसर के मोहनपुर में हिंदुओं के घर से मुस्लिम वोटर
जिस कटेसर पंचायत के मोहनपुर वार्ड 5 और 6 में मुस्लिम मतदाताओं का नाम सामने आया है उस पंचायत के मोहनपुर वार्ड संख्या 6 में भूमिहारों का घर है, लेकिन भूमिहार परिवारों में कई मुस्लिम नाम दर्ज है और ज्यादातर ऐसे घरों में मुस्लिम नाम जोड़े गये है जहां कई वर्षों से कोई रहता नहीं या फिर घर में सदस्यों की संख्या कम है. कई ऐसे मकान अभी भी जहां मुस्लिम मतदाताओं के नाम दर्ज हैं, जबकि स्थानीय लोग कहते हैं कि वहां कोई मुस्लिम परिवार रहता ही नहीं है.

सकरा का वो गांव, जहां हिंदुओं के घर से मुस्लिम वोटरों के नाम सामने आया है.
गांव के लोगों ने बताई अपनी परेशानी
मोहनपुर वार्ड 6 के रहने वाले सत्यनारायण गिरी के घर में भी मुस्लिम नाम दर्ज है. सत्यनारायण गिरी बताते है कि मेरे मकान संख्या 67 में उनके परिवार के अलावा कई मुस्लिम मतदाताओं का नाम है. जबकि गाँव में मुस्लिम नहीं है. इतना ही नहीं महेश्वर ठाकुर के साथ ही कई ऐसे परिवारों का घर बंद है, जिसमें कई मुस्लिम मतदाताओं का नाम जुड़ा हुआ है.
जिसको लेकर ग्रामीण सवाल उठा रहे हैं. मतदाता सूची के फाइनल लिस्ट में भी हिंदू परिवारों के बीच मुस्लिम नाम जुड़ने की गड़बड़ी ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.
ड्रॉफ्ट लिस्ट सामने आने पर सामने आई थी गड़बड़ी
हालांकि जब यह मामला 1 अगस्त 2025 के सूची निकालने के बाद हिंदू परिवारों में मुस्लिम मतदाताओं का नाम आने के बाद मामला तूल पकड़ लिया था, इसके बाद अधिकारियों की टीम ने पूरे मामले की जांच की और जांच के दौरान काफी संख्या में मुस्लिम मतदाताओं का नाम हटाया गया.
लेकिन अभी भी काफी संख्या में हिंदू परिवारों के मकान संख्या में मुस्लिम मतदाताओं का नाम शामिल है. फिलहाल एक बार फिर मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है.

मकान संख्या 64, हिंदू के इस मकान में मुस्लिम वोटर अरशद का नाम भी दिखाया गया है.
जिला प्रशासन ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया अपना पक्ष
मामले में भूमि सुधार उप समाहर्ता पूर्वी-सह-निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी सकरा के द्वारा बताया गया है कि 92- सकरा (अनु. जा.) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के कटेसर पंचायत के मतदान केंद्र संख्या 223 के पदाधिकारी सकरा ने पूरी स्थिति स्पष्ट की है. बताया गया है कि उक्त मतदान केन्द्र में कुल 3 प्रभाग हैं.
मतदान केन्द्र संख्या 223 अंतर्गत सभी 3 प्रभागों के जिन मतदाताओं के द्वारा नाम/पता/मकान संख्या परिवर्तित करने के संबंध में आवेदन दिया गया था, ऐसे कुल 112 मतदाताओं का नाम/पता सुधार करने हेतु प्रपत्र 8 भरा गया है. इनका फॉर्म ऐप के माध्यम से स्वीकृत कर ऐसे मतदाताओं का नाम/पता अंतिम मतदाता सूची में सुधार किया जा चुका है एवं यह # के साथ प्रदर्शित हो रहा है.
उदाहरण के साथ स्थिति स्पष्ट करते हुए उन्होंने बतलाया है कि अंतिम मतदाता सूची के पृष्ठ संख्या 5 के क्रम संख्या 82 पर अंकित मतदाता मो. कुद्दूस अंसारी का गृह संख्या में सुधार किया गया है जो पूर्व में 36 था एवं सुधार के उपरांत यह 36 (223) हो चुका है. ऐसे मतदाताओं के इपिक में प्रभाग संख्या भी प्रदर्शित हो रहा है.
ज्ञातव्य हो कि मतदाता सूची में प्रदर्शित मतदाताओं का मकान संख्या प्रतीकात्मक होता है. 2 अलग प्रभागों में अंकित मतदाताओं का मकान संख्या एक समान हो सकता है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि किसी मतदाता के द्वारा अपने नाम/पता/मकान संख्या में अभी भी सुधार हेतु ऑफलाइन अथवा ऑनलाइन आवेदन किया जाता है तो उनके भी नाम/पता में फॉर्म 8 के माध्यम से सुधार करने हेतु अग्रेत्तर कार्रवाई की जाएगी.
इसके अतिरिक्त नये मतदाताओं का नाम जोड़ने हेतु फॉर्म 6 एवं मतदाताओं के स्थायी रूप से स्थानांतरित/मृत/दोहरी प्रविष्टि होने की स्थिति में फॉर्म 07 के माध्यम से मतदाता सूची में सुधार हेतु अग्रेत्तर कार्रवाई की जाएगी.
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