विज्ञापन

बिहार में बारिश का कहर... आसमानी आफत से दर्जनों गांव जलमग्न, बिजली गुल, इंटरनेट भी बंद

Bihar Rain: बिहार में 28 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट है. बीते 2 दिनों से बिहार के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन अस्‍त-व्‍यस्‍त हो गया है. बीते शुक्रवार की रात आसमान से बरसी आफत ने रोहतास जिले के दर्जनों गांवों को जानमग्न कर दिया है. हर तरफ हाहाकार मचा है.

बिहार में बारिश का कहर... आसमानी आफत से दर्जनों गांव जलमग्न, बिजली गुल, इंटरनेट भी बंद
छपरा में हर जगह पानी ही पानी, बिजली गुल, इंटरनेट भी बंद
  • बिहार के 28 जिलों में तेज बारिश और फ्लैश फ्लड का अलर्ट जारी किया गया है, जिससे भारी नुकसान हुआ है
  • पिछले 24 घंटों में हुई भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या लगभग उन्नीस हो गई है
  • छपरा और रोहतास में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, बिजली और इंटरनेट सेवाएं बाधित हैं
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
छपरा:

बिहार में आज 28 जिलों में तेज बारिश और फ्लैश फ्लड का अलर्ट मौसम विभाग ने जारी किया है.पिछले 24 घंटों में हुई भारी बारिश और आकाशीय बिजली (वज्रपात) ने तबाही मचा दी है, जिसमें मरने वालों की संख्या करीब 19 हो गई है. मौसम विभाग ने आज भी सुपौल, मधुबनी जैसे जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है, जिससे लोगों को घरों में रहने की अपील की गई है. छपरा और रोहतास में भारी बारिश का जो तांडव शुरू हुआ, उसे देख लोग सहम गए हैं. घरों, दुकानों, अस्‍पताल और सरकारी इमारतों में कई फीट पानी जमा नजर आ रहा है. भारी बारिश के दौरान कई जगह आकाशीय बिजली गिरी, जिससे भारी नुकसान की खबर आ रही. इधर, छपरा में भारी बारिश के कारण बिजली आपूर्ति भी ठप हो गई है, जिससे इंटरनेट सेवाएं भी बाधित हो गई हैं. 

छपरा में हर जगह पानी ही पानी, बिजली गुल, इंटरनेट भी बंद

छपरा में बीती रात भारी बारिश और तेज मेघ गर्जाना के कारण जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. लगातार आकाशीय बिजली गिरने से जान-माल का नुकसान की भी खबरें आ रही हैं. लोगो के घरों, दुकानों और गोदामों में बारिश का पानी घुस गया है, जिससे करोड़ों का नुकसान हुआ है. बताया जा रहा है कि बीती रात बारिश ने 38  सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. भारी बारिश के कारण बिजली आपूर्ति ठप है और इंटरनेट सेवाएं बाधित हो गई है. वहीं, बलिया छपरा रेल लाइन पर मांझी के समीप वारिस के कारण पटरी धंस गई है.  जिसके कारण दर्जनों ट्रेन बलिया और छपरा के स्टेशन पर फांसी हुई है. ट्रांसपोर्ट सेवाएं भी बाधित है. शहर की मुख्य सड़कों पर 2 से 4 फीट तक पानी भर गया है, जिससे यातायात लगभग पूरी तरह बाधित है, छोटी-बड़ी गाडि़यां सड़कों पर फंसी हुई हैं.

रोहतास में दर्जनों गांव जानमग्न

बीते शुक्रवार की रात आसमान से बरसी आफत ने रोहतास जिले के दर्जनों गांवों को जानमग्न कर दिया है. हर तरफ हाहाकार मचा है और इन गांवों तक जाने वाला मार्ग भी पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है. खासकर तिलौथू प्रखंड एवं कैमूर पहाड़ी की तलहटी में बसे दर्जनों गांव इस तबाही की चपेट में हैं. हालांकि, जिला प्रशासन एवं एसडीआरएफ की टीम द्वारा लगातार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है और बारिश की संभावना एवं सोन नदी के बढ़ते जल स्तर पर भी नजर रखी जा रही है. मूसलाधार बारिश के कारण तिलौथू प्रखंड एवं सोन तटीय क्षेत्रों के चटनी बीघा, रेडिया, भीषडा, कोडर, रकियान, शिवपूर, चंदनपुरा, सैना, बहेरा समेत कई गांव बाढ़ की चपेट में है और चारों तरफ पानी हीं पानी दिख रहा है. इतना हीं नहीं इन इलाकों में काफी संख्या में कच्चे मकान व पेड़ भी गिर गए हैं तथा गांव का मुख्य मार्ग अवरुद्ध हो चुका है. सभी सरकारी विद्यालय जलमग्न है और फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है.

चेकडैम ध्वस्त, पहाड़ी झरनों का रौद्र रूप 

वहीं भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से तिलौथू प्रखंड में एक चेकडैम ध्वस्त हो गया, जिससे पूरे इलाके में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई. इसके अलावा जिले में लगातार बारिश की वजह से पहाड़ी झरनों ने भी रौद्र रूप ले लिया है. तुतला भवानी वॉटरफॉल, मांझर कुंड समेत कई झरने उफान पर हैं और पानी के सैलाब से पर्यटकों के लिए बनाए गए सेड, सुरक्षा रेलिंग, पुल आदि को काफी नुकसान पहुंचा है. साथ हीं कई नहरों के तटबंध भी टूट गए हैं.

प्रशासन अलर्ट, पहाड़ी झरनों पर रोक 

वाणसागर एवं रिहंद जलाशय से छोड़े गए पानी के कारण सोन नदी का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है. नौहटा, इंद्रपुरी एवं डेहरी के सोन तटीय इलाकों में प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है और वन विभाग ने पहाड़ी झरनों में आम लोगों के जाने पर रोक लगा दी है. डीएफओ स्टेलिन फिडल कुमार ने कहा कि रोहतास वन प्रमंडल के लगभग सभी झरनों में अत्यधिक पानी एवं बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से पहाड़ी झरनों पर अस्थाई रूप से रोक लगाई गई है और पर्यटकों से अपील है कि वे बाढ़ की स्थिति सामान्य होने तक किसी भी झरने या पहाड़ी इलाके की ओर न जाएं. वहीं आपदा प्रबंधन विभाग ने भी आम लोगों से नदी, नहर, जलाशय आदि सभी जल स्रोतों से दूर रहने, कमजोर आधारभूत संरचना के नीचे शरण ना लेने, तटीय इलाकों से नागरिक व मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने आदि की अपील की है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com