मधुबनी में कुल वोटर 33,76,790 थे, जिनमें से 3,52,545 नाम हटाए दिए हैं.
बिहार मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के बाद इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को पहला संशोधित वोटर लिस्ट ड्राफ्ट जारी कर दिया. राज्य के सभी 38 जिलों के लिए जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में सबसे ज्यादा वोटरों के नाम पटना जिले में कटे हैं. जबकि दूसरे नंबर पर मधुबनी और तीसरे नंबर पर पूर्वी चंपारण है. चुनाव आयोग ने जिलेवार ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की है. इस सूची में किस जिले में कितने वोटर थे, कितने वोटर बचे और कितने के नाम काटे गए, से संबंधित पूरी जानकारी दी गई है. बिहार के कुल 78969844 मतदाताओं में से 6564075 वोटरों के नाम हटा दिए हैं. ड्राफ्ट लिस्ट में 72405756 वोटरों के नाम शामिल हैं.

किस जिले में कितने कम हुए मतदाता, देखें Full List
बिहार की राजधानी पटना की बात करें तो कुल 50,47,194 वोटर थे. एसआईआर के बाद वोटर लिस्ट ड्राफ्ट में 46,51,694 वोटरों के नाम हैं, जबकि 3,95,500 मतदाताओं के नाम काट दिए गए. मधुबनी में कुल वोटर 33,76,790 थे, जिनमें से 3,52,545 नाम हटाए दिए हैं. 30,24,245 मतदाता शेष बचे हैं. पूर्वी चंपारण में 36,89,848 वोटर में से 3,16,793 मतदाताओं के नाम काट दिए गए हैं और अब 33,73,055 वोटर शेष बचे हैं.

अगर मृतकों की बात करें तो वोटर लिस्ट से 22.34 लाख यानी 2.83 प्रतिशत वोटरों के नाम हटा दिए हैं. स्थायी रूप से स्थानांतरित या अनुपस्थित वोटरों की संख्या 36.28 लाख यानी 4.59 प्रतिशत और पहले से नामांकित वोटरों की संख्या 7.01 लाख यानी 0.89 प्रतिशत है, जिन्हें ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में जगह नहीं मिली. बिहार के 38 जिलाधिकारियों ने 243 विधानसभा क्षेत्रों के 90,817 मतदान केंद्रों के लिए तैयार मतदाता सूची का प्रारूप मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ शेयर कर दिया है.
लालू-कांग्रेस का गढ़ क्या और कमजोर होगा
बिहार में हर चुनाव में सीमांचल का नाम जरूर आता है. इसे लालू यादव और कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, मगर 2020 के विधानसभा चुनाव में ही बीजेपी ने इस किले को दरका दिया. सीमांचल में कुल चार जिले हैं. मुस्लिम बाहुल्य इन चार जिलों में 24 विधानसभा सीटें हैं. जाति जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, सूबे की कुल आबादी में करीब 18 फीसदी मुस्लिम हैं. सीमांचल के इन चार जिलों की आबादी की बात करें तो किशनगंज में 68, अररिया में 43, कटिहार में 45 और पूर्णिया में 39 फीसदी हिस्सेदारी मुस्लिम समाज की है. मगर, पिछले चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन चौंकाने वाला था. बीजेपी 24 में से आठ सीटें जीत सीमांचल की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. कांग्रेस को पांच, जनता दल (यूनाइटेड) को चार, सीपीआई (एमएल) और आरजेडी को एक-एक सीटें मिली थीं.
NDA के दबदबे वाले इलाके में सबसे अधिक वोटर कटे
चुनाव आयोग के जारी किए गए ड्राफ्ट मतदाता सूची के विश्लेषण से कई चौंकाने वाली जानकारियां मिलती हैं. आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि जहां सबसे अधिक मतदाताओं के नाम कटे हैं, उस इलाके में NDA ने पिछले चुनाव में जीत दर्ज की थी. जहां सबसे कम वाटर कटे हैं वहां महागठबंधन का दबदबा रहा था.

नीतीश के जिले में कम वोटरों के कटे नाम, क्या बदलेगा समीकरण?
नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में 5.9% मतदाताओं के नाम कटे हैं. शेखपुरा (5.1%) और अरवल (5.57%) के बाद नालंदा ही वह जिला है जहां सबसे कम अनुपात में मतदाताओं के नाम कटे हैं. नालंदा में पहले 23 लाख 16 हजार 81 मतदाता थे. यहां 1 लाख 38 हजार 505 मतदाताओं के नाम कटे हैं. अब नालंदा में 21 लाख 77 हजार 576 मतदाता रह गए हैं. नालंदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला होने के साथ साथ एनडीए का गढ़ भी है. 2020 के विधानसभा चुनाव में जहां आसपास के सभी जिलों में एनडीए को बुरी हार का सामना करना पड़ा था. वहींं, नालंदा की 7 में से 6 सीटें एनडीए ने जीती थी.
बिहार में रिवीजन के बाद नई वोटर लिस्ट जारी, अपना नाम ऐसे कर सकते हैं चेक
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर ड्रॉफ्ट वोटर लिस्ट को जारी किया गया है. इस वोटर लिस्ट में राज्य के सभी 243 विधानसभा सीटों के वोटरों के बारे में जानकारी दी गई है. आप बिहार के मतदाता है या नहीं इस बात की तस्दीक इसी वोटर लिस्ट से होगी. हालांकि यह अभी ड्रॉप्ट वोटर लिस्ट है. इसमें सुधार अथवा नाम जुड़वाने की गुंजाइश है. फाइनल वोटर लिस्ट पूरी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद जारी की जाएगी.
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