विज्ञापन

बिहार मॉब लिंचिंग: पति के साथ आखिरी बात, मौत का इंसाफ, पीड़ित पत्नी ने सुनाई आपबीती

बिहार के नवादा में हुए Bihar mob lynching case ने पूरे राज्य को हिला दिया है. फेरीवाले मोहम्मद अथर हुसैन की मौत के बाद परिवार ने इंसाफ की मांग की है. पत्नी ने आपबीती सुनाई, जबकि बेटे ने आरोपियों के लिए सख्त सजा की मांग की.

बिहार मॉब लिंचिंग: पति के साथ आखिरी बात,  मौत का इंसाफ, पीड़ित पत्नी ने सुनाई आपबीती

Bihar Mob Lynching Case: बिहार के नवादा में फेरी लगाकर कपड़े बेचने वाले मोहम्मद अथर हुसैन की मॉब लिंचिंग का मामला पूरे राज्य को झकझोर गया है. नाम और धर्म पूछकर किए गए इस हमले ने न सिर्फ एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि इंसानियत पर भी गहरा सवाल खड़ा कर दिया. पत्नी ने अपने दर्द भरे अनुभव साझा किए हैं, वहीं बेटे ने पिता की मौत के बाद गुस्से में कहा कि “खून के बदले खून चाहिए.” यह घटना समाज और सिस्टम दोनों के लिए एक कड़वी चेतावनी है.

साइकिल पंचर से शुरू हुई त्रासदी

5 दिसंबर की रात अथर हुसैन रोज की तरह फेरी करके घर लौट रहे थे. कई सालों से वे साइकिल पर कपड़े बेचकर परिवार का खर्च चलाते थे. उसी रात उनकी साइकिल पंचर हो गई. उन्होंने कुछ लोगों से पंचर दुकान का पता पूछा, लेकिन यह साधारण सवाल उनकी जिंदगी का आखिरी सवाल बन गया.

नाम पूछकर किया गया हमला

जैसे ही उन्होंने अपना नाम मोहम्मद अथर हुसैन बताया, वहां मौजूद लोगों ने उन पर हमला कर दिया. उन्हें बुरी तरह पीटा गया और उनके पास मौजूद पैसे भी लूट लिए गए. हमले की क्रूरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके कान तक काट दिए गए.

परिवार का आरोप- अमानवीय यातना दी

अथर के भाई मोहम्मद चांद ने बताया कि अपराधियों ने उन्हें आग से जलाया, हाथ तोड़ दिए और गंभीर रूप से घायल कर दिया. परिवार का कहना है कि उन्हें अधमरी हालत में छोड़ दिया गया था. यह सब सुनकर कोई भी सिहर उठे.

इलाज में लापरवाही का आरोप

6 दिसंबर को पुलिस ने परिवार को घटना की जानकारी दी. पहले सदर अस्पताल नालंदा में इलाज हुआ, फिर 11 दिसंबर को पावापुरी मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया. परिवार का आरोप है कि इलाज में लापरवाही हुई और सही देखभाल मिलती तो उनकी जान बच सकती थी. 12 दिसंबर को अथर ने दम तोड़ दिया.

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

अथर अपने पीछे पत्नी और तीन छोटे बच्चों को छोड़ गए. घर में मातम पसरा है. पत्नी शबनम परवीन ने इंसाफ की मांग की है और कहा कि उनके पति को धर्म पूछकर मारा गया. 18 साल के रकीब, 12 साल के इस्तेखार और 14 साल की सबा अपने पिता की मौत से टूट चुके हैं. छोटे बेटे ने कहा- “पिता के खून के बदले खून चाहिए.” सबा ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की है.

ये भी पढ़ें- टुकड़े-टुकड़े कर अंदर ही रखी है लाश... गाजियाबाद में मकान मालकिन का मर्डर करने वाले किरायदारों का कबूलनामा

पुलिस की कार्रवाई जारी

अब तक इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस ने कई अज्ञात लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया है. जांच जारी है और पुलिस पूरे नेटवर्क की पहचान करने की कोशिश कर रही है.

घटना का राजनीतिक असर

यह मामला राजनीतिक रूप से भी गरमा गया है. विपक्ष ने बिहार सरकार पर सवाल उठाए हैं. वहीं सरकार ने कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया है. मंत्री जमा खान ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर मदद का आश्वासन दिया और मुख्यमंत्री राहत कोष से 3 लाख रुपये देने की बात कही.

ये भी पढ़ें- शामली में बुर्का न पहनने पर ट्रिपल मर्डर: चेहरा ना दिखे इसलिए नहीं बनवाया पत्नी का आधार कार्ड

जमीयत उलेमा‑ए‑हिंद की कानूनी मदद

जमीयत उलेमा‑ए‑हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने अथर के परिवार को कानूनी सहायता देने का ऐलान किया है. उनकी लीगल टीम इस मामले में इंटरवीनर के रूप में याचिका दायर करेगी. जमीयत की टीम ने परिवार से मुलाकात कर 1 करोड़ रुपये मुआवजा और दोषियों को फांसी या उम्रकैद की मांग की है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com