Bangladesh Mob Lynching: बांग्लादेश में भीड़ के हाथों एक और हिंदू की हत्या
- बांग्लादेश के राजबाड़ी शहर में अमृत मंडल नाम के युवक को जबरन वसूली के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या की है
- अमृत मंडल पर हत्या समेत दो आपराधिक मामलों के साथ क्रिमिनल गैंग बनाने और जबरन वसूली के आरोप थे
- पुलिस ने घटना के बाद एक आरोपी को गिरफ्तार कर हथियार बरामद किए जबकि बाकी गैंग सदस्य फरार हो गए
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हमें बताएं।बांग्लादेश में भीड़ के हाथों हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. दीपू दास की मॉब लिंचिंग में मौत के बाद बांग्लादेश में एक और हिंदू युवक की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी है. हालांकि इस बार मृतक पर यह आरोप है कि वो क्रिमिनल बैकग्राउंड का था. जबरन वसूली के आरोप को लेकर अमृत मंडल नाम के युवक की मॉब लिचिंग कर दी है. चलिए आपको 10 प्वाइंट में पूरा मामला बताते हैं.
- द डेली स्टार अखबार ने पुलिस के हवाले से बताया कि यह घटना बुधवार को बांग्लादेश के राजबाड़ी शहर के पांग्शा उपजिला में हुई. मृतक की पहचान अमृत मंडल के रूप में हुई है, जिसने कथित तौर पर एक क्रिमिनल गैंग बनाया था और जबरन वसूली और अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल था.
- रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना के दिन, अमृत मंडल को स्थानीय लोगों ने पीटा था जब उसने अपने गैंग के मेंबर के साथ जबरन वसूली की कोशिश की थी. घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मंडल को गंभीर हालत में भीड़ के हाथों से बचाया.
- सहायक पुलिस अधीक्षक (पांग्शा सर्कल) देब्रत सरकार ने बताया कि अमृत को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे लगभग 2:00 बजे मृत घोषित कर दिया. सरकार ने कहा कि मंडल के शव को पोस्टमार्टम के लिए राजबाड़ी सदर हॉस्पिटल के मुर्दाघर में भेज दिया गया है.
- घटना के बाद गैंग के उसके अधिकांश साथी भाग गए, लेकिन पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया और उसके कब्जे से हथियार बरामद किए. पुलिस के अनुसार, अमृत मंडल के खिलाफ कम से कम दो मामले दर्ज थे, जिसमें एक हत्या का मामला भी शामिल था.
- मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने इस हत्या की "कड़ी निंदा" की और कहा कि यह कोई सांप्रदायिक हमला नहीं था. अंतरिम सरकार ने अपने बयान में कहा कि वह "किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों, सामूहिक पिटाई या हिंसा का समर्थन नहीं करती है."
- सरकार ने एक बयान में कहा कि यह घटना कोई सांप्रदायिक हमला नहीं बल्कि जबरन वसूली और आतंकवादी गतिविधियों के कारण बनी हिंसक स्थिति से उपजा हमला था. इसमें कहा गया है कि घटना में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
- इस घटना से एक हफ्ते पहले मैमनसिंह में ईशनिंदा के आरोप में एक अन्य हिंदू व्यक्ति दीपू दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी और उसके शरीर को आग लगा दिया गया था. पुलिस और अन्य एजेंसियों ने मामले में अब तक 12 गिरफ्तारियां की हैं.
- दीपू दास दास की के बाद ढाका और बांग्लादेश में अन्य जगहों पर फैक्ट्रियों के मजदूर, छात्रों और अधिकार समूहों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया और भारत ने भी अपनी चिंता व्यक्त की.
- वहीं अंतरिम सरकार ने कहा है कि वह दास के नाबालिग बच्चे के साथ-साथ उनकी पत्नी और माता-पिता की भी देखभाल करेगी.
- पिछले साल अगस्त में शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद देश में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा के मामले बहुत बढ़ गए हैं. आए दिन मॉब लिचिंग की घटना सामने आती है.
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