खुर्शीद आलम ने नारा लगाने पर मुस्लिम समुदाय ने आलोचना की थी...
- खुर्शीद आलम ने अपने खिलाफ एक फतवा जारी होने के बाद माफी मांगी है
- आलम ने कहा कि उन्होंने धार्मिक उद्देश्य से यह नारा नहीं लगाया था
- मामले पर विवाद बढ़ता देखकर नीतीश कुमार ने ही दबाव डाला
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पटना:
बिहार के अल्पसंख्यक मंत्री खुर्शीद आलम उर्फ फिरोज अहमद ने 'जय श्री राम' का नारा लगाने को लेकर रविवार को माफी मांगी है. खुर्शीद आलम ने नारा लगाने पर मुस्लिम समुदाय द्वारा आलोचना झेलने और अपने खिलाफ एक फतवा जारी होने के बाद माफी मांगी है. जनता दल (युनाइटेड) के विधायक आलम ने कहा, "अगर मैंने जय श्री राम का नारा लगाकर जनभावना को आहत किया है तो इसके लिए मैं माफी मांगता हूं."
अपने पिछले बयान से पलटते हुए आलम ने कहा कि उन्होंने धार्मिक उद्देश्य से यह नारा नहीं लगाया था. जद (यू) के नेताओं के अनुसार, मामले पर विवाद बढ़ता देखकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही आलम से माफी मांगने के लिए कहा. एक मुस्लिम संगठन इमरत-ए-शरिया के एक मुफ्ती ने 'जय श्री राम' का नारा लगाने को लेकर आलम के खिलाफ उन्हें समाज से बहिष्कृत करने का फतवा जारी किया है. मुफ्ती सुहैल अहम कुरैशी ने हालांकि कहा है कि उन्होंने आलम के खिलाफ यह फतवा व्यक्तिगत तौर पर जारी किया है, न कि इमरत-ए-शरिया की ओर से.
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आलम ने शुक्रवार को विधानसभा परिसर के अंदर ऊंची आवाज में 'जय श्री राम' का नारा लगाया था. हालांकि इससे पहले उन्होंने मीडिया से कहा था कि वह नारा लगाने को लेकर अपने खिलाफ किसी तरह के फतवे की परवाह नहीं करते. उन्होंने कहा था कि राज्य के विकास और सौहार्द के लिए अगर उन्होंने 'जय श्री राम' का नारा लगाया तो इसमें कोई बुराई नहीं है.
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VIDEO : नीतीश कैबिनेट में 27 नए मंत्रियों ने ली शपथ
आलम ने कहा था, "मैं न तो किसी फतवा की चिंता करता हूं और न ही इसे गंभीरता से लेता हूं. मैं इस तरह के फतवों से नहीं डरता..मैं एक सच्चा मुसलमान हूं और मेरी धार्मिक निष्ठा में कोई गड़बड़ी नहीं है." उन्होंने यहां तक कहा था, "अगर मुझे शांति और सौहार्द के लिए जरूरी लगा तो मैं फिर से जय श्री राम का नारा लगाऊंगा."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अपने पिछले बयान से पलटते हुए आलम ने कहा कि उन्होंने धार्मिक उद्देश्य से यह नारा नहीं लगाया था. जद (यू) के नेताओं के अनुसार, मामले पर विवाद बढ़ता देखकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही आलम से माफी मांगने के लिए कहा. एक मुस्लिम संगठन इमरत-ए-शरिया के एक मुफ्ती ने 'जय श्री राम' का नारा लगाने को लेकर आलम के खिलाफ उन्हें समाज से बहिष्कृत करने का फतवा जारी किया है. मुफ्ती सुहैल अहम कुरैशी ने हालांकि कहा है कि उन्होंने आलम के खिलाफ यह फतवा व्यक्तिगत तौर पर जारी किया है, न कि इमरत-ए-शरिया की ओर से.
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आलम ने शुक्रवार को विधानसभा परिसर के अंदर ऊंची आवाज में 'जय श्री राम' का नारा लगाया था. हालांकि इससे पहले उन्होंने मीडिया से कहा था कि वह नारा लगाने को लेकर अपने खिलाफ किसी तरह के फतवे की परवाह नहीं करते. उन्होंने कहा था कि राज्य के विकास और सौहार्द के लिए अगर उन्होंने 'जय श्री राम' का नारा लगाया तो इसमें कोई बुराई नहीं है.
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आलम ने कहा था, "मैं न तो किसी फतवा की चिंता करता हूं और न ही इसे गंभीरता से लेता हूं. मैं इस तरह के फतवों से नहीं डरता..मैं एक सच्चा मुसलमान हूं और मेरी धार्मिक निष्ठा में कोई गड़बड़ी नहीं है." उन्होंने यहां तक कहा था, "अगर मुझे शांति और सौहार्द के लिए जरूरी लगा तो मैं फिर से जय श्री राम का नारा लगाऊंगा."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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