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बिहार जमीन सर्वे : कौन से दस्‍तावेज जरूरी? ऑनलाइन या ऑफलाइन की क्‍या है प्रक्रिया? यहां जानें सब कुछ

बिहार में जमीनों का सर्वे (Bihar Land Survey) शुरू होने के बाद इसकी प्रक्रिया को लेकर आम लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं. एनडीटीवी आपको सर्वे की पूरी प्रक्रिया और आवेदन के तरीके बारे में बता रहा है.

बिहार जमीन सर्वे : कौन से दस्‍तावेज जरूरी? ऑनलाइन या ऑफलाइन की क्‍या है प्रक्रिया? यहां जानें सब कुछ
पटना:

बिहार में जमीनों के सर्वेक्षण (Bihar Land Survey) के लिए काम शुरू हो चुका है. बिहार में लैंड रिकार्ड्स 100 साल से भी पुराने हैं. ऐसे में बिहार सरकार (Bihar Government) ने जमीन का सर्वे कराने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले को लेकर लोगों में कई तरह की शंका हैं और इससे जुड़े कई सवाल पूछे जा रहे हैं. कई लोगों को लगता है कि सरकार का यह निर्णय कहीं उनकी जमीन छीनने के लिए तो नहीं है?  साथ ही कई लोगों का सवाल है कि सर्वे के लिए कौन-कौन से दस्‍तावेजों की जरूरत पड़ेगी? उन्‍हें कैसे जमा कराया जाएगा? ऐसे तमाम सवालों के जवाब आपके लिए एनडीटीवी ने तलाशने की कोशिश की है. आइए जानते हैं कि इन सवालों के जवाब और यह पूरी प्रक्रिया.

बिहार सरकार की इस कोशिश का मकसद आपकी जमीन को छीनना नहीं है, बल्कि आपको अपनी जमीन पर मालिकाना हक दिलाना है. दरअसल, लैंड रिकार्ड्स के 100 साल से पुराने होने के कारण अब सरकार जमीन के सारे रिकॉर्ड्स को अपडेट करना चाहती है और यह प्रक्रिया उस दिशा में एक कदम है. इसके लिए आपको कुछ जरूरी दस्‍तावेजों को जमा करना होगा. बिहार में जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट करने और ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए सरकार ने सर्वे का कार्य शुरू किया है. 

कौन कौन से हैं वो जरूरी दस्‍तावेज, जिसकी आपको जरूरत पड़ेगी?

- अगर जमीन आपकी खानदानी है यानी आपके पुरखों से आपके पास चली आ रही है तो आपको उसका खातिहान दिखाना होगा और साथ ही आपको अपनी वंशावली देनी होगी, जिससे यह स्थापित हो सके कि उस जमीन पर आपका पुश्तैनी हक बनता है. 

- इसके साथ ही अगर कोई जमीन आपके पूर्वजों के नाम पर हो तो आपको उनका मृत्यु प्रमाण पत्र देना होगा और साथ ही जमीन के वे सारे दस्‍तावेज देने होंगे जिससे यह स्थापित हो सके कि जमीन का मालिकाना हक उनके पास था. साथ ही आपकी पारिवारिक वंशावली से यह स्थापित कर सके कि वे आपके पूर्वज थे और अब उसका मालिकाना हक आपका बनता है. 

- जमीन अगर पुश्तैनी न हो और किसी से खरीदी गई हो तो आपको उस खरीद से जुड़े दस्‍तावेज भी देने होंगे. 

- अगर जमीन पर कभी किसी तरह का कोर्ट केस हुआ हो या कोई पारिवारिक विवाद हुआ हो तो कोर्ट के जो आदेश हैं, उसकी कॉपी भी आपको संबंधित पदाधिकारी को देनी होगी. 


जमीन सर्वे मामले में बिहार सरकार ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन स्वीकार कर रही है. हालांकि सरकार ऑनलाइन आवेदन पर ज्यादा जोर दे रही है, जिससे जो आवेदन आपने जमा किया है उसका डिजिटल रिकॉर्ड मिल सके. 

ऑनलाइन आवेदन का तरीका

- ऑनलाइन आवेदन के लिए आपको बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की वेबसाइट https://dlrs.bihar.gov.in/ पर जाना होगा. 

- वहां दिए गए फार्म में आपको अपने परिवार और अपनी जमीन की पूरी जानकारी दर्ज करनी होगी. 

- साथ ही आपको जमीन संबंधी सारे दस्तावेज अपलोड करने होंगे. 

- सारे दस्तावेज और जानकारी दर्ज करने के बाद आप आपको अपना आवेदन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में जमा करना होगा. 

- इसके साथ ही वेबसाइट आपको एक टोकन नंबर भी देगी, जो भविष्‍य में आपके आवेदन को ट्रैक करने के लिए काम आएगा. 


ऑफलाइन आवेदन करने का तरीका

- बिहार सरकार हर जिले की हर पंचायत और लगभग हर गांव में एक आम सभा लगा रही है, जिसे शिविर कहते हैं. आप सीधे अपने जमीन के दस्तावेज को लेकर शिविर में जा सकते हैं. 

- इस शिविर में पदाधिकारियों द्वारा आपको फॉर्म दिया जाएगा, जिसमें आपको सारी जानकारी दर्ज करनी होगी और उसे पदाधिकारियों के पास ही जमा कराना होगा. 

- उस फॉर्म के साथ आपको जमीन संबंधित सारे दस्तावेज भी देने होंगे. 

- फॉर्म में आपको जमीन का पता, उसका क्षेत्रफल, खसरा नंबर सहित सारी जानकारी देनी होगी. 

- इसके साथ ही आपको साथ में एक सेल्फ एफिडेविट यानी सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भी भरना होगा, जिसमें आप यह बताएंगे कि आपके द्वारा दी गई सारी जानकारी सही है और आपने किसी भी तरह की जानकारी सरकार से छिपाई नहीं है. 


जमीन के सर्वे से जुड़े दस्तावेज 

1. अगर खतियानी जमीन है तो खतियान होना चाहिए 
2.  अगर जमीन खरीदी है तो  
 - रजिस्ट्री की रसीद होनी चाहिए
  - केवाला होना चाहिए 
  - बैनामा होना चाहिए 
3. जमीन के हालिया लगान की रसीद होनी चाहिए. 
4. अगर वंशज से जमीन प्राप्त की है तो वंशावली होनी चाहिए. 
5. वंशावली सरपंच , वार्ड पार्षद, पंचायत सचिव, अंचलाधिकारी से स्‍वीकृत कर बनेगी. 

स्‍वघोषणा पत्र में देनी होगी यह जानकारी 

बिहार भूमि सर्वे के लिए जिन दस्तावेजों को जमा करना होगा, उसमें अपनी जमीन का रकबा, चौहद्दी, खेसरा की जानकारी स्वघोषणा पत्र में देनी होगी. जमाबंदी यानी मालगुजारी और रसीद की फोटो कॉपी भी देनी होगी. साथ ही यदि खतियान की नकल उपलब्ध हो तो वो भी देनी होगी. मृत जमाबंदी रैयत की मृत्यु की तिथि और मृत्यु के प्रमाण पत्र की छाया प्रति भी उपलब्‍ध करवानी होगी. 

जमीन सर्वेक्षण संबंधित सूचना की मुख्य बातें इस प्रकार है: 

1 - प्रपत्र 2 और प्रपत्र 3(1) भरकर सभी जमीन मालिकों को पंचायत या मौजे के लिए नियुक्त अमीन /कर्मी को देना है या अंचल सर्वेक्षण कार्यालय में जमा करना है. 
2 - ये सभी कागजात जब ग्राम सभा होगी तब से एक महीने तक देने में कार्य जल्दी जल्दी निष्पादन होने की संभावना है. 
3 - जमीन मालिक अपने जमीन की मेरहों को यानी आईर को ठीक और दुरुस्त कर लें. 
4 - सभी जमीनों का विवरण पुराने खाते खेसरा के हिसाब से देना है. 
5 - जिस भी जमीन का विवरण दिया जाएगा, उसका पेपर प्रपत्र 2 फॉर्म के साथ लगाना है. 
 

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