
Bihar News: स्थानीय निकाय में अति पिछड़ी जाति के लोगों को दिया गया आरक्षण ख़त्म करने के मुद्दे पर जनता दल यूनाइटेड और राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी आमने-सामने है. गुरुवार को बिहार के हर मुख्यालय पर जेडीयू की ओर से इस मसले पर बीजेपी के खिलाफ धरने का आयोजन किया गया. गौरतलब है कि पटना हाई कोर्ट ने स्थानीय निकाय में अति पिछड़ी जाति के लोगों को दिया गया आरक्षण ख़त्म करने का फ़ैसला दिया है, जेडीयू इस फैसले को बीजेपी की साजिश बता रही है. जेडीयू के अध्यक्ष राजीव रंजन ललन सिंह ने कहा कि स्थानीय निकाय में 20 फीसदी आरक्षण दिया गया. 2006 में पंचायती राज में दिया गया, 2007 में नगर निकाय में दिया गया. यह मामला पटना HC और सुप्रीम कोर्ट तक गया, दोनों ने राज्य सरकार के इस कानून को वैध ठहराया.
फ़ैसले के ख़िलाफ़ अब तक सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं गई नीतीश सरकार : बिहार #BJP प्रमुख डॉ. संजय जायसवाल pic.twitter.com/d2qQo3qgYr
— NDTV India (@ndtvindia) October 13, 2022
उधर जेडीयू के इस धरने को बीजेपी ने ढकोसला करार दिया है. पार्टी सवाल कर रही है कि आख़िर नीतीश कुमार की सरकार ने इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अब तक सर्वोच्च न्यायालय का दरवाज़ा क्यों नहीं खटखटाया. बिहार बीजेपी प्रमुख डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि इस मामले में इन्होंने क्या किया? आज तक सुप्रीम कोर्ट में क्यों नहीं गए. इसका जवाब पूछिए ? यह चुनाव नहीं कराना चाहते हैं. जिससे कि जिनके कारण वे रबर स्टांप सीएम बने हुए हैं, उनको नगर निकाय की पूरी विकास की राशि दी जा सके. इस सवाल पर आरक्षण की मांग आप दोनों कर रहे, कहीं यह 'नूरा कुश्ती' तो नहीं, जायसवाल ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है. आपको डायरेक्शन पसंद नहीं था तो आप सुप्रीम कोर्ट जाते. आप कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ क्यों नहीं गए, यह साफ बताता है कि यह साजिश है.
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