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ये क्या? बिहार में एक दर्जन तालाब ही 'चोरी' हो गए! कागज हाथ में लेकर ढूंढ़ रहे गांववाले

गंगा नदी से सटी बघार पंचायत में मनरेगा योजना के तहत बड़ी संख्या में तालाब की खुदाई की गई थी. लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा सिर्फ सरकारी कागजों में हुआ है, असलियत में ऐसा कुछ नहीं हुआ.

ये क्या? बिहार में एक दर्जन तालाब ही 'चोरी' हो गए! कागज हाथ में लेकर ढूंढ़ रहे गांववाले
विधायक ने डीएम को पत्र लिखकर जांच की मांग की है.
पटना:

बिहार के कटिहार जिले में मनरेगा योजना से बनाये गये करीब दर्जनभर तालाब चोरी होने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. आप यह पढ़कर चौंके जरूर होंगे, लेकिन मनिहारी विधानसभा के बघार पंचायत मिर्जापुर में कुछ ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की है. शिकायत भी सबूतों के साथ की गई है. दरअसल, गंगा नदी से सटी इस पंचायत में मनरेगा योजना के तहत बड़ी संख्या में तालाब की खुदाई की गई थी. लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा सिर्फ सरकारी कागजों में हुआ है, असलियत में ऐसा कुछ नहीं हुआ.

ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें जिस जमीन पर तालाब खुदाई की जानकारी कागजों के जरिए मिली थी, वहां लोग खेती कर रहे हैं. ग्रामीण इसमें मुखिया और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से बड़ा घोटाला की आशंका जता रहे हैं. उन्होंने इस मामले में जांच की मांग की है. 

मनिहारी के स्थानीय विधायक मनोहर प्रसाद ने भी लोगों की शिकायत पर जिलाधिकारी को पत्र लिखकर उचित जांच की मांग की है. वहीं इन तमाम आरोपों पर सफाई देते हुए स्थानीय मुखिया ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

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जिस जमीन पर कागज में एक तालाब दिखाया गया है, उसके मालिक अक्षय कुमार ने बताया कि हमने लिस्ट निकाली तो पता चला कि हमारी जमीन पर तालाब बनाया गया है. ये तालाब मेरे माता-पिता के नाम पर पास किया गया है. जबकि हमें इसकी जानकारी ही नहीं है और हम इस जमीन पर फसल उगा रहे हैं. यह सब गांव के मुखिया ने किया है.

इस मामले में शिकायत करने वाले सोनू कुमार सिंह ने कहा कि हम लोगों ने मनरेगा का काम ऑनलाइन चेक किया तो देखा कि हमारे परिवार के नाम भी कई पोखर पास किए गए हैं. हमारे घर में 25-30 लोग हैं, जिसमें 11 लोगों के नाम पोखर बना दिए गए. ये सब काम मुखिया ने अधिकारियों के साथ सांठगांठ से किया है.

स्थानीय समाज सेवी सरोज कुमार यादव का कहना है कि यह मनरेगा में बहुत बड़ा घोटाला हुआ है. ऐसे दर्जनों मामले हैं, जिसमें कागजों में पोखर दिखाए गए हैं, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हैं. मुखिया का कहना है कि हमारी सबसे सांठगांठ है, सभी को पेमेंट जाता है. हम चाहते हैं कि इसमें उचित जांच हो और किसानों को मुआवजा मिले. 

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वहीं, मनिहारी के विधायक मनोहर प्रसाद का कहना है कि गांव के लोग मेरे पास ये शिकायत लेकर आए थे. उन्होंने मुझे लिखित में शिकायत दी, जिसके बाद मैंने डीएम को पत्र लिखकर इस मामले में उचित जांच की मांग की है. 

वहीं, इस मामले में सफाई देते हुए पंचायत के मुखिया पिंटू यादव ने बताया कि 2021 से मैं इस पंचायत का मुखिया हूं और जितनी भी योजनाएं हैं उनकी जांच होनी चाहिए. मैं पहले भी मांग कर चुका और अभी भी करता हूं कि हाईकोर्ट की निगरानी में ये जांच हो. पूर्व के मुखिया की भी और मेरी भी जांच हो. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए. इस मामले में जब मैं स्थल पर गया तो पोखर खुदा हुआ था और आज भी है. ये आरोप बेबुनियाद हैं.

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