बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मंगलवार को 2.61 लाख करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष वाला बजट पेश किया जिसमें राज्य की वित्तीय स्थिति को बेहतर बताया गया. बिहार विधानसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 2,61,885.40 करोड़ रुपये का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में केंद्र से प्राप्त सहायक अनुदान में गिरावट आई है जबकि केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए 2,61,885.40 करोड़ रुपये का प्रस्तावित बजट व्यय वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान 2,37,691.19 करोड़ रुपये से 24,194.21 करोड रुपये अधिक है.
चौधरी ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटा 25567.84 करोड रुपये रहने का अनुमान है जो 8,58,928 करोड़ रुपये के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 2.98 प्रतिशत है.
उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में बिहार को केंद्र सरकार से केंद्रीय करों में हिस्से के रूप में 1,02,737.26 करोड रुपये मिलने का अनुमान है जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 11,556.66 करोड रुपये अधिक है, लेकिन केंद्र से सहायक अनुदान के रूप में 53,377.92 करोड़ रुपये ही मिलने की उम्मीद है जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 4,623.37 करोड़ रुपये कम है.
वित्त मंत्री ने युवाओं को रोजगार देने को नीतीश कुमार सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा, ‘‘राज्य सरकार ने अगले वित्त वर्ष में विभिन्न विभागों में 63,900 रिक्त पदों को सर्वाेच्च प्राथमिकता पर भरने के लिए बिहार लोक सेवा आयोग, बिहार कर्मचारी चयन आयोग और बिहार तकनीकी सेवा आयोग को पहले ही अनुरोध भेज दिया है.‘‘
उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में बिहार पुलिस को 75,543 अतिरिक्त पद सृजित करने को भी कहा गया है. इसके अलावा शिक्षा विभाग में एक लाख से अधिक शिक्षकों और विभिन्न राज्य-संचालित नर्सिंग प्रशिक्षण संस्थानों में 10,000 से अधिक ट्यूटर भी नियुक्त किए जाएंगे.
चौधरी ने कहा कि छात्रों को सर्वाेत्तम बुनियादी ढांचा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए बजट में शिक्षा विभाग के लिए 22,200.35 करोड़ रुपये यानी सर्वाधिक 22.20 प्रतिशत आवंटन का प्रावधान किया गया है. इसके बाद ग्रामीण विकास विभाग के लिए 15.19 प्रतिशत (15,193.19 करोड़ रुपये) और समाज कल्याण विभाग के लिए 8.19 प्रतिशत (8,191.79 करोड़ रुपये) का बजट प्रावधान किया गया है.
उन्होंने कहा कि बजट में ग्रामीण कार्य विभाग के लिए 7,950.27 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य विभाग के लिए 7,117.56 करोड़ रुपये, पथ निर्माण विभाग के लिए 4,420.99 करोड़ रुपये और नगर विकास एवं आवास विभाग के लिए 4,055.10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदाय के लाभार्थ व्यय की जाने वाली राशि को लघु मद में अलग से निर्धारित किया गया है ताकि इसे किसी अन्य मद में खर्च न किया जा सके. अनुसूचित जाति विशेष घटक योजना के लिए 16,939.53 करोड़ रुपये तथा जनजातीय उप योजना के लिए 1,574.49 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं.
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