गलवान घाटी में शहीद हुए जय किशोर के पिता को पुलिस ने गिरफ्तार किया. पुलिस पर बर्बरता पूर्वक गिरफ्तारी के समय पिटाई करने का भी आरोप लग रहा है. गिरफ्तारी का एक सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है. ये पूरा विवाद बिहार के वैशली में शहीद के बने स्मारक वाली भूमि को लेकर चल रहा है. इस घटना के बाद पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है. हालांकि, पुलिस ने किसी भी बर्बरता से इनकार किया है.
खबर वैशाली के जंदाहा से है, जहां बलवान घाटी में शहीद हुए जय किशोर के पिता की बर्बरता पूर्वक गिरफ्तारी से लोग आक्रोशित हैं. आरोप है कि पुलिस द्वारा शहीद के पिता की पहले पिटाई की गई, फिर उनको गिरफ्तार किया गया. जिसके बाद घटना से गुस्साए लोग शहीद के स्मारक के पास जमा हो गए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया. बताया गया कि शहीद जय किशोर के बने स्मारक को लेकर जमीनी विवाद चल रहा है, जबकि स्मारक सरकारी जमीन में बनाई गई थी और वहां कई माननीय सहित जिला प्रशासन के द्वारा भी शहीद को सम्मान दिया गया था. लेकिन अब उसी शहीद के पिता को अपमानित कर गिरफ्तार किया गया है. यह वही शहीद के पिता है जिनके बेटे ने चीन के गलवान घाटी में दुश्मनों से लोहा लेते वक्त शहीद हुए थे.
दरअसल पूरा विवाद जय किशोर सिंह की शहादत के बाद सरकारी जमीन में बन रहे जय किशोर सिंह के स्मारक की वजह से है. स्मारक निर्माण को लेकर गांव के ही दलित लोगों ने शहीद के पिता राज कपूर सिंह पर जबरन स्मारक बना कर उनके रोड को कब्जा करने का आरोप लगाया और साथ में गाली-गलौज करने का मुकदमा भी दर्ज कराया था.
राज कपूर सिंह के दूसरे बेटे ने बताया, "पुलिस आई और उन्होंने हमें 15 दिनों के भीतर स्मारक को हटाने के लिए कहा. बीती रात पुलिसवाले आए और मेरे पिता को ऐसे गिरफ्तार किया जैसे वह कोई आतंवादी हों. गिरफ्तारी के दौरान मेरे पिता को घसीटा गया, थप्पड़ मारे और गाली-गलौज भी की. इसके बाद पुलिस स्टेशन में भी उनकी पिटाई की गई.
आरोप है कि जंदाहा के थाना अध्यक्ष विश्वनाथ राम जंदाहा थाने की पूरी टीम लेकर शहीद के पिता को किसी आतंकवादी की तरह गिरफ्तार करने रात के अंधेरे में पहुंचे थे और न सिर्फ उनकी गिरफ्तारी की गई, बल्कि इस दौरान उनके साथ मारपीट और गाली-गलौज भी किया गया. गिरफ्तारी के बाद आनन-फानन में शहीद के पिता को विभिन्न धाराओं में जेल भेज दिया गया है. घटना की सूचना मिलते हैं जिलेभर से लोग स्मारक स्थल पर पहुंचे और गिरफ्तारी का पुरजोर विरोध किया.
वही, इस गिरफ्तारी को जायज बताते हुए महुआ एसडीपीओ पूनम केसरी ने कहा कि जमीन अतिक्रमण का शहीद का स्मारक बनाया गया था, जिस से दूसरी पार्टी का रास्ता अवरुद्ध हो गया था. इसी मामले में चले विवाद को लेकर गिरफ्तारी की गई है. शहीद का स्मारक सरकारी जमीन पर बनाया गया था. रातों-रात इस स्मारक के चारों ओर दीवारें खड़ी कर दी गईं. कई बार इस स्मारक को हटाने के लिए कहा गया, लेकिन वह नहीं माने.
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