
- जन सुराज ने बिहार चुनाव के लिए 51 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें कई बड़े चेहरे हैं.
- गणितज्ञ केसी सिन्हा, वरिष्ठ वकील वाई बी गिरी, पूर्व DG आरके मिश्रा जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों को टिकट दिया है.
- 90 प्रतिशत उम्मीदवार पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, एक मात्र किशोर कुमार मुन्ना पहले विधायक रह चुके हैं.
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार की राजनीति में पहली बार ताल ठोंक रहे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज (Jan Suraj) ने गुरुवार को 51 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. इस सूची को देखकर पहली नजर में यह साफ हो रहा है कि कौन कहां से चुनाव लड़ रहा है? लेकिन इस लिस्ट को और गौर से देखेंगे तो यह साफ-साफ नजर आता है कि इसमें अलग-अलग समुदाय, जाति, धर्म, अगड़े-पिछड़े का समायोजन है. जन सुराज ने सार्वजनिक बयान में कहा है कि उन्होंने प्रत्याशियों को “जनसंख्या के अनुपात” के आधार पर टिकट दिए हैं. इस सूची में 7 आरक्षित (SC) सीटों के लिए और 44 सामान्य सीटों के लिए नाम शामिल हैं.
- इस सूची में 17 प्रत्याशी (16 हिंदू+1 मुस्लिम) पिछड़ी जातियों से हैं.
- वहीं 11 उम्मीदवार OBC (अन्य पिछड़ी जाति) से हैं.
- 9 उम्मीदवार सामान्य वर्ग से है.
- वहीं 7 उम्मीदवार अल्पसंख्यक समुदायों से है.
यह विभाजन यह संकेत देता है कि जन सुराज एक जातिगत संतुलन रणनीति अपनाने की कोशिश कर रहा है—जिसमें दलित, पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व देना है. इस सूची में धायन देने योग्य बात यह भी है कि इसमें कई पूर्व अधिकारी, डॉक्टर, प्रोफेसर जैसे लोगों को प्राथमिकता दी गई है.
जन सुराज की पहली लिस्ट में शामिल बड़े नाम
मशहूर गणितज्ञ केसी सिन्हा - कुम्हरार
प्रसिद्ध गणितज्ञ केसी सिन्हा कुम्हरार से पार्टी के उम्मीदवार होंगे. केसी सिन्हा कई विश्वविद्यालय के कुलपति रहे हैं. उनकी गणित की किताबें पिछले 30 साल से अधिक समय से बिहार के स्कूलों में पढ़ाई जाती रही हैं. उन्होंने 70 से अधिक किताबें लिखी हैं. इस नाते एक बड़ी आबादी का उनसे जुड़ाव है. वह जनसुराज से जुड़े हैं. पार्टी ने उन्हें पटना की कुम्हरार सीट से उम्मीदवार बनाया है.
पटना हाईकोर्ड के बड़े वकील, वाई बी गिरी- मांझी
वाई बी गिरी पटना उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं. कई चर्चित मुकदमे लड़े हैं. BPSC अभ्यर्थियों का मामला भी उन्होंने कोर्ट में लड़ा था. आरसीपी सिंह को पार्टी में लाने में उनकी भूमिका अहम रही है. वह मांझी विधानसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार बनाए गए हैं.
पूर्व डीजी (होमगार्ड), आरके मिश्रा - दरभंगा
बिहार पुलिस के पूर्व डीजी (होमगार्ड) रहे आरके मिश्रा जन सुराज पार्टी से शुरुआती दिनों से जुड़े रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में भी उनके चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थी, लेकिन तब वह चुनाव नहीं लड़े. वह कई अधिकारियों को पार्टी में लेकर आए हैं. अब वह दरभंगा सीट से चुनावी मैदान में हैं.
हिमाचल के ADG रहे जेपी सिंह - छपरा
हिमाचल प्रदेश में एडीजी रहे जेपी सिंह ने वीआरएस लेने के बाद जन सुराज ज्वाइन की थी. 2000 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे जेपी सिंह करीब साल भर से छपरा में सक्रिय हैं. पार्टी उन्हें छपरा से उम्मीदवार बना रही है.
मोतिहारी के बड़े डॉक्टर, डॉ एल.बी. प्रसाद - ढाका
डॉ एल.बी. प्रसाद मोतिहारी में अपना क्लिनिक चलाते हैं. पति-पत्नी दोनों डॉक्टर हैं. लंबे समय से सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं. अति पिछड़ी जाति से आते हैं. जनसुराज में सक्रिय रहे हैं. अब पार्टी उन्हें ढाका से उम्मीदवार बना रही है.
मुजफ्फरपुर के बड़े डॉक्टर, डॉ ए.के. दास - मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर के चर्चित डॉक्टर ए.के. दास कायस्थ जाति से आते हैं. उनकी पहचान एक बेहतरीन डॉक्टर के रूप में रही है. बीते कुछ महीनों से राजनीतिक गतिविधियों में भी शामिल थे. पार्टी उन्हें मुजफ्फरपुर से उम्मीदवार बना रही है.
RCP सिंह की बेटी, वकील लता सिंह, अस्थावां
अस्थावां विधानसभा से RCP सिंह की बेटी लता सिंह को टिकट दिया गया है. लता सिंह वकील हैं. उनके पिता जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. आरसीपी एक समय में नीतीश के सबसे खास हुआ करते थे. हालांकि बाद में पार्टी तोड़ने के आरोप पर उन्हें हटा दिया गया था. अब वो जन सुराज में हैं.
कर्पूरी ठाकुर की पोती, डॉ. जागृति ठाकुर, मोरवा
बिहार के अति पिछड़ों को साधने की कोशिश के तहत प्रशांत किशोर ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की पोती डॉ. जागृति ठाकुर को भी टिकट दिया है. डॉ. जागृति को समस्तीपुर के मोरवा सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया है. डॉ. जागृति के जरिए EBC वोट बैंक को साधने की कोशिश है.
किशोर कुमार मुन्ना, इकलौते नाम, जो पहले रह चुके हैं विधायक
पार्टी ने यह दावा किया है कि उनके 90% उम्मीदवार पहले कभी चुनाव नहीं लड़े होंगे. यह दावा यह दर्शाता है कि पार्टी पुराने राजनैतिक चेहरे कम और नई, युवा, या गैर-परंपरागत नेताओं पर भरोसा कर रही है. अगर आज की सूची को देखें तो इसमें किशोर कुमार मुन्ना को छोड़ के, जो की पूर्व विधायक रहे है, कोई भी बड़ा राजनीतिक चेहरा नहीं है.
पार्टी मानती है कि आने वाली सूची में भी बड़ी संख्या में पूर्व सरकारी अधिकारी (IAS/IPS व अन्य) शामिल होंगे और साथ ही डॉक्टर, प्रोफेसर और वकील भी अधिकांश स्थानों पर रहेंगे. अगर ऐसा हुआ तो प्रशांत किशोर जो दावा कर रहे थे उसपे मुहर लगेगी.
अगर बात उमर की करे तो ज्यादातर उम्मीदवार युवा दिख रहे है. हालाँकि, सूची में “युवा” — यानी 35–45 वर्ष की आयु के — नेताओं की संख्या और औसत आयु की जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं हुई है. लेकिन मोटे तौर पे पार्टी का यही दावा है.
आज की सूची से पार्टी यह दिखाना चाह रही है कि वह राजनीति को “संयुक्त टीम” की तरह संचालित करेगी — जहाँ ऊर्जा और अनुभव दोनों उपयोग होंगे. लेकिन यह केवल शुरुआत है. असली परीक्षा तो तब होगी जब 243 सीटों की पूरी सूची आएगी, और जन सुराज को वोट बैंक को तोड़ने, लोगों को जोड़ने की चुनौती का सामना करना होगा.
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