
- बिहार में आपराधिक छवि वाले नेताओं की जानकारियों को सार्वजनिक करना होगा ताकि उनकी जानकारी आम जनता तक पहुंचे.
- चुनाव आयोग उनके व्यवहार पर भी कड़ी नजर रखेगा. आचार संहिता लागू होने के बाद से एजेंसिया हरकत में आ गई हैं.
- प्रत्येक प्रत्याशी के खर्च की अधिकतम सीमा 40 लाख तय की गई तो कैश कैरी करने की अधिकतम सीमा ₹ 50,000 तय की गई.
बिहार चुनाव के राजनीतिक दलों को आपाराधिक छवि वाले प्रत्याशियों की पूरी डिटेल सार्वजनिक करनी होगी ताकि जनता उनके मेरिट के आधार पर अपने मतदान कर सके. प्रत्याशियों के खर्च को अधिकतम 40 लाख रुपये निर्धारित किया गया है तो विज्ञापनों की मॉनिटरिंग के लिए कमिटी बनाई गई है. वहीं चुनाव आयोग प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों के आचरण पर भी नजर रखेगा. राज्य में प्रवर्तन एजेंसियां पूरी तरह हरकत में आ गई हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा के बाद पटना में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ बैठक कर उन्हें आचार संहिता समेत और कई जानकारियां दी हैं. साथ ही यह भी बताया कि क्या नहीं करना है. राजनीतिक दलों को आगाह किया गया कि उनके प्रत्याशी अगर चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी तरह पैसे, शराब आदि बांटे गए तो इसे अपराध मानते हुए उन्हें जेल भेजा जा सकता है.
एक्शन में आया बिहार प्रशासन
प्रत्येक प्रत्याशी के खर्च की अधिकतम सीमा 40 लाख रुपये तय की गई है. हालांकि इसमें सार्वजनिक बैठकों, रैली, पोस्टर, बैनर, गाड़ियों पर आने वाले खर्च को नहीं शामिल किया गया है. चुनाव के दौरान कैश ले जाने की अधिकतम सीमा 50 हजार रुपये तय की गई है. आचार संहिता लागू किए जाने के फौरन बाद राज्य में प्रवर्तन एजेंसियां ऐसी कार्रवाईयों को लेकर मुस्तैद हो गई हैं. बीते दिन राज्य के विभिन्न इलाकों से बड़ी मात्रा में नकदी, शराब, नशीले पदार्थ और अन्य अवैध चीजें जब्त की गई, जिनकी कीमत दो करोड़ रुपये से ऊपर बताई गई है.

Photo Credit: IANS
अभी पूरी तरह नहीं उतारे गए पोस्टर
यूपी-बिहार बॉर्डर पर वाहनों की गहन जांच चल रही है लेकिन सड़कों के किनारे राजनीतिक दलों के पोस्टर और बैनर अब भी कई जगह लगे हुए हैं. कुछ राजमार्ग पर एनडीए और महागठबंधन के पोस्टर और बैनर अब भी मौजूद हैं वहीं कई अन्य जगहों पर इन्हें उतारने का काम प्रशासन उतनी ही तत्परता के साथ करने में जुटा है.
हालांकि मोहनिया के एसडीएम अनिरुद्ध पांडे ने बीते शनिवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा था कि इन्हें जल्द ही हटा लिया जाएगा.
प्रत्याशियों के आचरण पर नजर रखेगा चुनाव आयोग
बिहार के राजनीतिक दलों और उनके प्रत्याशियों के आचरण पर मतदान के दिन चुनाव आयोग नजर रखेगा. साथ ही चुनाव प्रचार के दौरान उनकी सभा, उनके जुलूस और उनके आचरण पर भी नजर रखी जाएगी. इन सभी मसलों से जुड़ी जानकारी के लिए बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से बैठक की और उन्हें बहुत सी जानकारियों के साथ-साथ यह भी बताया गया कि अगर पार्टी का कोई उम्मीदवार आपराधिक छवि का है तो उसे सार्वजनिक करना होगा. अगर किसी प्रत्याशी पर कोई केस किया गया हो या उन्हें किसी अपराध में दंड दिए जाने का फैसला किया गया है तो उसकी जानकारी सार्वजनिक करनी होगी ताकि चुनाव से पहले आम जनता इन जानकारियों के आधार पर अपना मतदान कर सके.
स्टार प्रचारक की सूची सौंपने का निर्देश
राज्य की सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ की गई इस बैठक में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि चुनाव की अधिसूचना के जारी किए जाने के बाद सात दिनों के भीतर राजनीतिक दलों को अपने स्टार प्रचारकों की सूची भी चुनाव आयोग को सौंपनी होगी. जहां मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को 40 स्टार प्रचारकों की सुविधा दी गई है वहीं अन्य राजनीतिक दलों के लिए यह संख्या 20 निर्धारित की गई है.
विज्ञापनों की मॉनिटरिंग के लिए कमिटी गठित
चुनाव प्रचार के दौरान अखबारों, टीवी और सोशल मीडिया पर किए जाने वाले राजनेताओं के विज्ञापनों की इन माध्यमों पर दिखाए जाने से पहले उनकी मॉनिटरिंग होगी और इसके लिए एक जांच समिति बनाई गई है. ये समिति इनकी जांच करने के बाद एक सर्टिफिकेट जारी करेगी. इसके बाद ही ये प्रचार सामग्री इन माध्यमों के जरिए प्रचारित किए जाएंगे.
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