मगध क्षेत्र में इस बार महागठबंधन और एनडीए दोनों ने ताकत झोंक दिया है. यहां से राज्य के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की प्रतिष्ठा भी दांव पर है. गौरतलब है कि इमामगंज सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से एनडीए से हम सेक्युलर से दीपा मांझी उम्मीदवार हैं. दूसरी तरफ, महागठबंधन से राजद प्रत्याशी रीतु प्रिया चौधरी हैं. दीपा मांझी बिहार के पूर्व सीएम मांझी की बहू हैं, जबकि रीतू प्रिया चौधरी राजद की लीडर रही हैं. दीपा मांझी मौजूदा विधायक हैं. दीपा मांझी 2024 के उपचुनाव में जीती हैं. उपचुनाव में उन्होंने राजद के रोशन मांझी को पराजित कर जीत हासिल की थी. इससे पहले 2015 से दीपा के ससुर जीतन राम मांझी इस क्षेत्र का नेतृत्व कर रहे थे.
गयाजी जिले के इमामगंज सीट पर दीपा मांझी पहली ऐसी महिला है, जो निर्वाचित हुई हैं. यह सीट दिग्गजों की प्रतिष्ठा का रहा है. बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदयनारायण चौधरी, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जैसे लोग निर्वाचित होते रहे हैं. लेकिन इस दफा दोनों प्रमुख गठबंधनों से महिला उम्मीदवार हैं. इसलिए मुकाबला दिलचस्प हो गया है.
मगध इलाका में इमामगंज अकेला ऐसा सीट नही है, जहां दोनों प्रमुख गठबंधनों ने महिलाओं पर भरोसा किया है. बिहार के मगध इलाका के पांच जिले गयाजी, नवादा, औरंगाबाद, जहानाबाद और अरवल में कुल 26 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें चार सीटें ऐसी हैं जहां दोनों प्रमुख गठबंधनों ने महिलाओं पर भरोसा किया है.
बाराचट्टी में दो दिग्गज परिवार की महिलाएं आमने सामने
गयाजी का जिले का बाराचटटी सुरक्षित सीट पर हॉट सीट बना हुआ है. बाराचटटी में भी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की समधिन ज्योति देवी हम सेक्युलर की प्रत्याशी हैं. दूसरी तरफ, महागठबंधन की ओर से राजद ने दिवंगत भगवती देवी की पोती तनुश्री मांझी प्रत्याशी हैं. दोनों की मजबूत सियासी विरासत रही हैं. बाराचट्टी सीट से दो दफा जीतन राम मांझी निर्वाचित हुए हैं. जबकि दो दफा जीतन राम मांझी की समधिन ज्योति देवी निर्वाचित हुई हैं. ज्योति देवी मौजूदा विधायक हैं. दूसरी तरफ, भगवती देवी की पोती तनुश्री मांझी हैं. तनुश्री मांझी की मजबूत सियासी विरासत रही है. तनश्री की दादी भगवती देवी इस क्षेत्र का कई दफा प्रतिनिधित्व की हैं. भगवती देवी पत्थर तोड़नेवाली महिला थीं, इसके बाद वह चुनाव जीती थी. इसलिए चर्चित रही हैं. भगवती देवी के अलावा उनके पुत्र विजय मांझी और पुत्रवधू समता देवी बाराचटटी सीट का नेतृत्व की हैं. लिहाजा, बाराचटटी सीट दो महिला उम्मीदवारों के कारण चर्चा में है.
वारिसलीगंज में दो बाहुबलियों की पत्नी आमने-सामने
नवादा जिले के वारिसलीगंज में दो बाहुबलियों की पत्नी आमने सामने हैं. एनडीए से बीजेपी उम्मीदवार अरुणा देवी हैं, जबकि महागठबंधन की ओर से राजद उम्मीदवार अनिता महतो हैं।. अरुणा देवी बाहुबली अखिलेश सिंह की पत्नी हैं. अरुणा देवी चार दफा निर्वाचित हुई हैं और अभी मौजूदा विधायक हैं. दूसरी तरफ, अनिता महतो बाहुबली अशोक महतो की पत्नी हैं. अनिता पहली दफा वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं.वो 2024 में मुंगेर से लोकसभा चुनाव लड़ी थी, लेकिन पराजित हो गई थी. चुनाव के कारण अशोक महतो ने अनिता से शादी की थी. चूंकि अशोक महतो सजायाप्ता है इसलिए बाहुबली अखिलेश की पत्नी अरुणा और अशोक की पत्नी अनिता के सामने आने से मुकाबला दिलचस्प बना है।
गोविंदपुर में दूसरी बार महिलाओं के बीच टक्कर
नवादा जिले के गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र में भी महिलाएं आमने-सामने हैं. एनडीए की ओर से एलजेपीआर की प्रत्याशी विनिता मेहता है. महागठबंधन की ओर से राजद प्रत्याशी पूर्णिमा यादव. एलजेपीआर प्रत्याशी विनिता मेहता रोह की जिला पार्षद हैं. विनिता के पति अनिल मेहता भाजपा के जिलाध्यक्ष हैं. दूसरी तरफ, राजद प्रत्याशी पूर्णिमा यादव गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक हैं. वह नवादा के पूर्व विधायक कौशल यादव की पत्नी हैं. हालांकि गोविंदपुर सीट पर पहले भी महिलाएं निर्वाचित होती रही हैं. पूर्णिमा देवी की सास गायत्री देवी इस सीट पर पांच दफा निर्वाचित हुई हैं, जबकि एक दफा पूर्णिमा यादव. गोविंदपुर में दूसरा अवसर है जब दो महिलाएं आमने-सामने हैं. इसके पहले 2015 में कांग्रेस से पूर्णिमा यादव जबकि बीजेपी से फुला देवी उम्मीदवार थी। तब पूर्णिमा निर्वाचित हुई थीं.
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