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बिहार की सियासी लड़ाई और समझौते की पूरी कहानी यहां पढ़िए

चिराग पासवान को 29 सीटें देने से गठबंधन में नराजगी थी. चिराग़ को 29 सीट देने से  जेडीयू ,जीतनराम माझी और उपेंद्र कुशवाहा नाराज थे. जेडीयू की नाराजगी की वजह से लोजपा के कई हॉट सीटें उनके हाथ से निकल गईं.

बिहार की सियासी लड़ाई और समझौते की पूरी कहानी यहां पढ़िए
बिहार चुनाव में चढ़ता जा रहा है सियासी पारा
पटना:

बिहार की सियासी लड़ाई कल तक चरम पर थी लेकिन अब धीरे-धीरे मोलभाव के बाद बात बन गई है. एनडीए में सीट बंटवारे का फॉर्मूला घोषित तो कर दिया गया था लेकिन टिकट बांटने की जब बारी आई तो आपसी खींचतान खुलकर सामने आ गई है. हालात ऐसे थे कि उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी को दूर करने के लिए  भाजपा आलाकमान को आगे आना पड़ा। 

सीट तय करने को लेकर हुआ घमासान

एनडीए ने गठबंधन के घटक दलों के लिए सीट तो तय कर दी लेकिन उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही गठबंधन में जबरदस्त धमासान शुरू हो गया. एनडीए में शामिल सभी पार्टियों के बीच आपस में किसी न किसी सीट को लेकर मतभेद था.  बिहार के सीएम और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार को अपने कोटे के सीटें चिराग के खाते में दिए जाने पर जबरदस्त एतराज था. 

जेडीयू सोनबरसा, राजगीर, एकमा और मोरवा सीट देने के लिए तैयार नहीं थी.  लेकिन चिराग पासवान ने इन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों को सिंबल दे दिया. फिर बीजेपी दोनों के मान मानवल में लगी लेकिन जेडीयू सीट छोड़ने के लिए राजी नहीं हुई ,जेडीयू सिर्फ अपने दावे वाली केवल दो सीटें छोड़ी तारापुर और तेघड़ा. दोनों सीटें भाजपा के खाते में गई. तारापुर से भाजपा ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को उम्मीदवार बनाया है. तारापुर के बदले जेडीयू ने भाजपा से कहलगांव की सीट ली . इस बीच जेडीयू ने  101 उम्मीदवारो का नाम जारी कर दिया. इस लिस्ट में जेडीयू ने सोनबरसा ,एकमा ,राजगीर और हिल्सा, पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए, ये सीट पहले लोजपा के कोटे में थी. 

चिराग को 29 सीट देने से नाराज़गी

चिराग पासवान को 29 सीटें देने से गठबंधन में नराजगी थी. चिराग़ को 29 सीट देने से  जेडीयू ,जीतनराम माझी और उपेंद्र कुशवाहा नाराज थे. जेडीयू की नाराजगी की वजह से लोजपा के कई हॉट सीटें उनके हाथ से निकल गईं. इधऱ भाजपा ने भी अपनी प्रमुख सीटें चिराग को नहीं दीं. चिराग भाजपा से दानापुर, लालगंज, हिसुआ और अरवल सीट चाहते थे, लेकिन बीजेपी ने इन सीटों पर अपना उम्मीदवार घोषित किया. हालांकि दो सीटें भाजपा ने चिराग को अपने हिस्से से दी हैं ये सीटें हैं गोविंदगंज और ब्रह्मपुर. 

इधर, उपेंद्र कुशवाहा अलग नाराज चल रहे थे. उपेंद्र कुशवाहा अपने कोटे की महुआ सीट चिराग को दिए जाने से नाराज चल थे.कुशवाहा ने  अपने सभी उम्मीदवारों का सिंबल रोक दिया था. आनन-फानन में उपेंद्र कुशवाहा को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली मुलाकात कर , उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की. लगभग 1 घन्टे की मुलाकात के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि एनडीए में सब कुछ ठीक है. बिहार में एनडीए की सरकार बनेगी कुछ बातों को लेकर असमंजस की स्थिति थी जो अब ठीक है, अब सब क्लियर है।

अंदर खाने क्या क्या हुआ उपेन्द्र कुशवाहा और बीजेपी के बीच

उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी को 20-22 सीटों की एक लिस्ट सौंपी, जिसमें दिनारा, मधुबनी, महुआ, उजियारपुर, कुर्था, सासाराम, ओबरा, सुल्तानगंज, गोह, बाजपट्टी, शेखपुरा जैसी सीटें शामिल थीं.इनमें से कम से कम 6-7 सीटें कन्फर्म चाहते थे, लेकिन बीजेपी-जेडीयू ने मुख्य रूप से 101-101 सीटें ले लीं, जिससे छोटे सहयोगियों के लिए कम जगह बची. कुशवाहा ने फेसबुक और एक्स पर पोस्ट कर कहा कि इधर-उधर की खबरों पर मत जाइए… वार्ता अभी पूरी नहीं हुई है. अगर कोई खबर प्लांट कर रहा है तो यह छल है, धोखा है. उन्होंने मीडिया की  खबरों पर तंज कसा और संकेत दिया कि सीट बंटवारा फाइनल नहीं हुआ है. इससे एनडीए में खलबली मच गई, क्योंकि बीजेपी शाम को ऐलान करने वाली थी. एनडीए ने सीट बंटवारा फाइनल किया- बीजेपी-101, जेडीयू-101, चिराग पासवान की एलजेपी(आर)-29, कुशवाहा की आरएलएम-6, जीतनराम मांझी की हम-6.

कुशवाहा को मिली सीटें: बालपट्टी, मधुबनी , पारू , उजियारपुर , सासाराम , दिनारा

कुशवाहा ने भावुक अपील की: “लाखों लोगों का मन दुखी है, कई घरों में खाना नहीं बना होगा. उन्होंने समर्थकों से क्षमा मांगी, लेकिन असंतोष जाहिर किया कि उनकी मांग 22 सीटें को नजरअंदाज किया गया. कुशवाहा ने मीडिया को कहा कि एनडीए में कुछ भी ठीक नहीं है. उन्होंने सीट बंटवारे को “धोखा” बताया और चेतावनी दी कि इससे एनडीए को नुकसान हो सकता है. जीतनराम मांझी ने भी असंतोष जताया और कहा कि गरीबों को कम सीटें देकर महत्व कम आंका गया. इससे एनडीए की आंतरिक कलह साफ हो गई. बीजेपी ने कुशवाहा को मनाने के लिए पटना से दिल्ली बुलाया. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, सम्राट चौधरी, नितिन नवीन और ऋतुराज सिन्हा उनके घर पहुंचे.

14 अक्टूबर को दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात हुई. इसके बाद विवाद सुलझा महुआ सीट चिराग पासवान को दी गई, लेकिन कुशवाहा को राज्यसभा और विधान परिषद की एक-एक सीट का ऑफर मिला. कुशवाहा ने कहा कि एनडीए जीतेगी, सभी दल तैयार हैं लेकिन महुआ पर अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस की बात कही. कुशवाहा को मानने के इस पूरे प्रकरण में अमित शाह परदे के पीछे और बाद में अंतिम और फाइनल मीटिंग में फ्रंट पर आए और उपेंद्र कुशवाहा को अंततः संतुष्ट किया गया . 

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