
- कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर नेताओं ने पैसे लेने का लगाया आरोप
- खगड़िया से विधायक छत्रपति यादव ने टिकट बंटवारे में बड़े पैमाने पर लेनदेन और खर्च करने पर सवाल उठाया है
- पिछली बार महज कुछ वोटों से हारे गजानंद शाही का टिकट काटकर नई उम्मीदवारी पर भी गंभीर सवाल उठे हैं
टिकट बंटवारे के बाद कांग्रेस में घमासान खत्म नहीं हो रहा है. पटना में नेताओं के प्रेस कांफ्रेंस के बाद कस्बा विधायक अफाक आलम ने फेसबुक पर वीडियो जारी कर प्रभारी कृष्ण अल्लावरू, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और CLP लीडर शकील अहमद खान पर पैसे लेकर टिकट बंटवारे का आरोप लगाया. अफाक आलम का टिकट काट कर पार्टी ने मो. इरफान आलम को प्रत्याशी बनाया है. खरीद - बिक्री का आरोप खगड़िया से विधायक छत्रपति यादव भी लगा चुके हैं. छत्रपति यादव की जगह पार्टी ने चंदन यादव को उम्मीदवार बनाया है.
खगड़िया से विधायक छत्रपति यादव ने कहा कि मुझे अंतिम तक कहा गया कि आपको टिकट मिल रहा है. बाद में कहा गया कि सिंबल बंट रहा है. बड़े पैमाने पर लेनदेन हुआ है. उन्होंने कहा कि नेताओं ने पैसे लिए, अगर नहीं लिए तो हेलीकॉप्टर से कैसे घूम रहे हैं? इतने महंगे होटल में कैसे रुक रहे हैं. आज एक दर्जन नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
113 वोट से हारने वाले उम्मीदवार का टिकट काटने पर सवाल
बरबीघा विधानसभा क्षेत्र से गजानंद शाही पिछला चुनाव महज 113 वोट से हारे थे. इस बार उनकी जगह त्रिशूलधारी सिंह को उम्मीदवार बनाया है. गजानंद शाही भी प्रभारी कृष्ण अल्लावरू, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और CLP लीडर शकील अहमद खान पर पैसों के लेनदेन का आरोप लगाया. कटिहार सांसद तारिक अनवर भी यह सवाल उठा चुके हैं.
मुस्लिम उम्मीदवारों के टिकट कम किए
पार्टी ने जाले से मो नौशाद को उम्मीदवार बनाया था. उनकी गिरफ्तारी का डर देखकर पार्टी ने ऋषि मिश्रा को उम्मीदवार बनाया. ऋषि मिश्रा राजद में थे, वहीं से टिकट मांग रहे थे. अब यहां से मस्कूर अहमद उस्मानी ने निर्दलीय कैंडिडेट के रूप में पर्चा भर दिया है. वे पिछली बार कांग्रेस के उम्मीदवार थे. इसी तरह सुपौल की सीट पर पिछली बार मिनट रहमानी चुनाव लड़े थे अब यहां से पार्टी ने अनुपम को उम्मीदवार बनाया है.
भाजपा - लोजपा के नेताओं को बांटे टिकट
कांग्रेस के पूर्व विधायक बंटी चौधरी ने भाजपा लोजपा के नेताओं को टिकट देने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सोनबरसा की सीट से सरिता पासवान को उम्मीदवार बनाया गया है, सरिता पासवान लोजपा से टिकट के लिए प्रयास कर रही थी. इससे पहले भी वह लोजपा से चुनाव लड़ चुकी हैं. वहीं कुम्हरार से इंद्रदीप चंद्रवंशी को उम्मीदवार बनाया गया है. इंद्रदीप चंद्रवंशी ने 2025 का कैलेंडर छपाया था. उस पर नरेंद्र मोदी की तस्वीर थी. वे RSS से जुड़े रहे हैं. उनकी भाजपा नेताओं के साथ तस्वीर भी वायरल हो रही है.
CLP लीडर को टिकट देने पर भी सवाल
पार्टी ने महाराजगंज से मौजूदा विधायक विजय शंकर दुबे का भी टिकट काट दिया. पार्टी के नेता राजकुमार राजन ने कहा कि विजय शंकर दुबे को इसलिए टिकट नहीं दिया गया कि उनकी विधानसभा क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में पार्टी को कम मत मिले. इस हिसाब से कड़वा से शकील अहमद खान को भी टिकट नहीं मिलना चाहिए था क्योंकि उनकी विधानसभा में भी जदयू को लीड मिली थी. कांग्रेस उम्मीदवार पीछे रहे थे.
एजेंसी और एजेंट्स चला रहे पार्टी
नाराज नेताओं का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस के रिसर्च विंग के अध्यक्ष आनंद माधव ने पार्टी के पदों से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि पार्टी अब एजेंट और एजेंसी चल रही है. पार्टी में RSS का स्लीपर सेल एक्टिव है जो फैसले ले रहा है. इस बार पार्टी 10 सीटें भी जीत जाए तो बड़ी बात होगी. पहले सीट बंटवारे में महागठबंधन के अंदर खींचतान और अब उम्मीदवारों के चयन के बाद जो घमासान मचा है इससे पार्टी को नुकसान होना तय है. देखना होगा कि पार्टी इस नई मुश्किल से कैसे बाहर निकलती है.
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