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बिहार चुनाव ऐलान से पहले कांग्रेस का पटना में शक्ति प्रदर्शन, एक तीर से राहुल-प्रियंका साधेंगे कई निशाने

पटना में सीडब्ल्यूसी की बैठक के जरिए जहां एक तरफ कांग्रेस शक्ति प्रदर्शन करना चाहती है, वहीं यह संदेश भी देना चाहती है कि वह बिहार चुनाव पूरी गंभीरता से लड़ रही है.

बिहार चुनाव ऐलान से पहले कांग्रेस का पटना में शक्ति प्रदर्शन, एक तीर से राहुल-प्रियंका साधेंगे कई निशाने

बिहार चुनाव के ऐलान से ठीक पहले कांग्रेस ने 24 सितंबर को पटना में सीडब्ल्यूसी यानी कांग्रेस वर्किंग कमिटी की विस्तारित बैठक बुलाई है. इसमें राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी समेत देश भर के प्रमुख कांग्रेस नेता बिहार की राजधानी में इकट्ठे होंगे. 26 सितंबर को प्रियंका गांधी पटना और खगड़िया में सभाओं को संबोधित भी करेंगी. 

CWC बैठक के जरिए संदेश 

सीडब्ल्यूसी की बैठक के जरिए जहां एक तरफ कांग्रेस शक्ति प्रदर्शन करना चाहती है, वहीं यह संदेश भी देना चाहती है कि वह बिहार चुनाव पूरी गंभीरता से लड़ रही है. इससे पहले वोटर लिस्ट के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ अगस्त में राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव के साथ वोटर अधिकार यात्रा निकाली थी, जो बिहार के दो दर्जन जिलों से होकर गुजरी थी. 

SIR, जाति जनगणना पर प्रस्ताव 

सीडब्ल्यूसी की बैठक में भी एसआईआर, जाति जनगणना और आरक्षण की सीमा बढ़ाने जैसे मुद्दों पर प्रस्ताव पारित किए जा सकते हैं. राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस लगातार यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि चुनावों में बीजेपी सरकार और चुनाव आयोग की मिलीभगत से वोटचोरी की जा रही है. इससे पहले कांग्रेस ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले 2023 में हैदराबाद में सीडब्ल्यूसी की बैठक की थी. 

प्रियंका करेंगी महिलाओं से संवाद 

पटना में सीडब्ल्यूसी की बैठक के अगले दिन 25 सितंबर को कांग्रेस के बड़े नेता पार्टी का चुनावी घोषणापत्र घर–घर बाटेंगे. 26 सितंबर को प्रियंका गांधी का पटना और खगड़िया में महिला संवाद कार्यक्रम रखा गया है. प्रियंका के सहारे कांग्रेस आधी आबादी को साधना चाहती है. बिहार में कांग्रेस–आरजेडी गठबंधन ने महिलाओं को ढाई हज़ार रुपये महीना देने का वादा किया है. प्रियंका गांधी इससे पहले राहुल–तेजस्वी की यात्रा में भी शामिल हो चुकी हैं. 

RJD-कांग्रेस में सीटों पर सहमति

सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी से कांग्रेस की सीटों को लेकर मोटे तौर पर सहमति बन गई है. कांग्रेस को 60 के करीब सीटें मिल सकती हैं. सितंबर के अंत तक इंडिया गठबंधन में सीटों का बंटवारा फाइनल होने की संभावना जताई जा रही है. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर लड़कर केवल 19 जीती थीं. मोदी और नीतीश की जोड़ी से मुकाबले के लिए इस बार कांग्रेस कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती और इसलिए पार्टी बिहार को लेकर बेहद गंभीर है.

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