- VoteVibe एग्जिट पोल में NDA को 125-145 सीटें और महागठबंधन को 95-115 सीटें मिलने का अनुमान है
- बिहार चुनावों में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का रहा. हर 4 में से 3 युवा (73.6%) ने बेरोजगारी को महामुद्दा माना
- सीएम पद के लिए तेजस्वी युवाओं की पहली पसंद बनकर उभरे हैं, वहीं 40.3% महिला वोटरों ने नीतीश को फेवरिट बताया
बिहार में विधानसभा चुनाव की वोटों की गिनती से पहले VoteVibe का एग्जिट पोल आया है. इसमें बिहार में नीतीश कुमार सरकार की बहुमत के साथ वापसी का संकेत दिया गया है. एनडीए को 125-145 सीटें और महागठबंधन को 95-115 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है. इस एग्जिट पोल में चुनाव के मुद्दे, वोट शेयर और जातीय समीकरण को लेकर कई चौंकाने वाली बातें हैं.
बिहार का सबसे बड़ा मुद्दा - बेरोजगारी
वोट वाइब के सर्वे के मुताबिक, बिहार चुनावों में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का रहा है. बिहार के हर 4 में से 3 युवा (73.6%) ने बेरोजगारी को महामुद्दा माना है. यहां तक कि अधिकतर (58.9%)महिलाएं भी इसे सबसे अहम मुद्दा मानती हैं. सभी वोटरों में से 63.2 फीसदी लोगों की सबसे चिंता बेरोजगारी ही रही है. एग्जिट पोल सर्वे की मानें तो 10.3 फीसदी वोटरों ने महंगाई को सबसे बड़ा मुद्दा माना. अन्य प्रमुख मुद्दों में जाति व सांप्रदायिक तनाव, भ्रष्टाचार व कानून व्यवस्था और विकास शामिल रहे. महिलाओं के खिलाफ अपराध को लोगों ने ज्यादा बड़ा चुनावी मुद्दा नहीं माना.

CM: युवाओं की पसंद तेजस्वी, महिलाओं के फेवरिट नीतीश
सीएम फेस को लेकर वोट वाइब के एग्जिट पोल सर्वे में तेजस्वी यादव युवाओं की पहली पसंद बनकर उभरे हैं. बिहार के 40.9 फीसदी युवा तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं, 30.3 फीसदी युवाओं ने नीतीश को सीएम चॉइस बताया है. वहीं अधिकतर महिला वोटरों (40.3%) की सीएम के रूप में पहली पसंद नीतीश कुमार हैं. पुरुषों में 39.5% तेजस्वी और 27.4% नीतीश के पक्ष में बताए गए हैं. ओवरऑल वोटरों की बात करें तो तेजस्वी के पक्ष में 35.2 फीसदी और नीतीश कुमार के फेवर में 33.4 फीसदी वोटर हैं. सीएम के रूप में तीसरे नंबर पर प्रशांत किशोर 9.3% वोटरों की पसंद बताए गए हैं.

महागठबंधन से 10% ज्यादा महिला वोट NDA को
वोट वाइब ने बिहार चुनाव में एनडीए को 45.3 फीसदी और महागठबंधन को 41.9 पर्सेंट वोट मिलने का अनुमान लगाया है. इसमें महिलाओं ने खुलकर एनडीए का सपोर्ट किया है. महिलाओं के 48.5 फीसदी वोट एनडीए को मिलते बताए गए हैं जबकि 37.9% महिला वोट महागठबंधन के खाते में जाने की संभावना जताई गई है. महिला वोटों के मामले में महागठबंधन से एनडीए 10.6 पॉइंट आगे है. पुरुषों में 45% ने महागठबंधन और 42.1% ने एनडीए को वोट देने की बात कही है. युवा वोटों में ज्यादा अंतर नहीं है. युवाओं के 43.9% वोट महागठबंधन को और 42.4% वोट एनडीए को मिलने की बात कही गई है.
#NDTVPollOfPolls : 'महिला वोटरों में NDA को करीब 10% की बढ़त' -VoteVibe के संस्थापक अमिताभ तिवारी#BiharElectionsWithNDTV | #BiharElection | #ExitPoll | @awasthis | @sucherita_k | @vikasbha | @politicalbaaba pic.twitter.com/MdnnGAKxox
— NDTV India (@ndtvindia) November 12, 2025
प्रशांत किशोर बन सकते हैं 'स्पॉइलर'
प्रशांत किशोर की जन सुराज का वोट शेयर वोट वाइब एग्जिट पोल के मुताबिक भले ही 5.2% है, लेकिन इसकी उपस्थिति सभी सामाजिक वर्गों में देखी गई है. सभी सामाजिक समूहों में इसका 4-8% तक समर्थन बताया गया है. इसका मतलब ये कि यह पार्टी उन सीटों पर स्पॉइलर की भूमिका निभा सकती है, जहां एनडीए और महागठबंधन के बीच बेहद करीबी मुकाबला है. हालांकि सीटों के मामले में पीके को ज्यादा फायदा मिलता नहीं दिख रहा है. उसके खाते में 2 से कम सीटें ही आने की संभावना जताई गई है.
MY ने खुलकर दिए महागठबंधन को वोट
ये एक तथ्य है कि बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण अहम भूमिका निभाते हैं. वोट वाइब के मुताबिक, इस बार के चुनाव में भी जाति और धर्म के आधार पर वोटों का स्पष्ट ध्रुवीकरण देखने को मिलेगा. इसके मुताबिक एनडीए को सामान्य वर्ग (64%), एससी-एसटी (59.8%) और अन्य ओबीसी-ईबीसी (57.5%) मतदाताओं के ज्यादातर वोट मिलने का अनुमान है. वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन के पक्ष में MY फैक्टर काम करता दिख रहा है. सर्वे के मुताबिक, विपक्षी महागठबंधन को अधिकतर मुस्लिमों (79.1%) और यादवों (74.5%) के वोट मिलने की संभावना जताई गई है.
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