
Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन के भीतर मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर अटकलें एक बार फिर तेज हो गई हैं. कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने इस मुद्दे पर गुरुवार को एक ऐसा बयान दिया है, जिसने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. कन्हैया कुमार ने सीधे तौर पर तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना ही संकेत दिया कि सीएम फेस का औपचारिक ऐलान (CM Face Announcement) दुर्गा पूजा (Durga Puja) के बाद किया जाएगा.
'पूजा पाठ कीजिए, फिर बात करते हैं'
खगड़िया में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब पत्रकारों ने कन्हैया कुमार से महागठबंधन के सीएम चेहरे के बारे में पूछा तो उनका जवाब चौंकाने वाला था. उन्होंने कहा, 'अभी दुर्गा पूजा है. पूजा पाठ कीजिए. इस पर आगे बात कीजिएगा. यह बयान सीधे तौर पर इस बात का संकेत है कि महागठबंधन में फिलहाल नेतृत्व को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है और इस पर आंतरिक चर्चाएं जारी हैं. यह बयान उन अटकलों को भी हवा देता है, जिनमें कहा जा रहा था कि तेजस्वी यादव स्वाभाविक रूप से सीएम फेस हैं. कन्हैया के इस बयान ने यह स्पष्ट कर दिया कि अभी भी इस पर सस्पेंस बना हुआ है.
तेजस्वी के नाम पर क्यों साधी चुप्पी?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर तेजस्वी यादव ही महागठबंधन के सर्वमान्य मुख्यमंत्री उम्मीदवार होते, तो कन्हैया कुमार जैसे नेता को इस तरह का जवाब देने की कोई जरूरत नहीं थी. तेजस्वी को महागठबंधन के बड़े नेता और घटक दलों ने लगातार सीएम फेस के तौर पर प्रस्तुत किया है. लेकिन कन्हैया का यह बयान बताता है कि कांग्रेस की रणनीति कुछ और हो सकती है, और वे तेजस्वी के नाम पर तुरंत मुहर लगाने के पक्ष में नहीं हैं. यह भी हो सकता है कि कांग्रेस पार्टी खुद को महागठबंधन में एक मजबूत स्थिति में स्थापित करना चाहती हो, ताकि सीट शेयरिंग में उसे फायदा मिल सके.
'वोट के साथ नोट की भी चोरी' का आरोप
कन्हैया कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिर्फ सीएम फेस पर ही बात नहीं की, बल्कि उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार पर भी तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि बिहार में 'वोट चोरी के साथ नोट की भी चोरी हुई है'. उन्होंने कैग (CAG) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बिहार सरकार के पास 73 हजार करोड़ रुपये का कोई हिसाब नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस धन का उपयोग नहीं हो पाया है, जो सीधे तौर पर जनता के साथ धोखा है. इसके अलावा, उन्होंने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट (SIR) के जरिए 67 लाख मतदाताओं को उनके मताधिकार से वंचित करने का भी आरोप लगाया.
सीट शेयरिंग पर क्या है स्थिति?
जब कन्हैया से सीट बंटवारे पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेताओं में कोई मतभेद नहीं है और इसका औपचारिक ऐलान सही समय पर किया जाएगा. हालांकि, सीएम फेस पर उनकी चुप्पी और 'दुर्गा पूजा के बाद' वाले बयान ने यह साफ कर दिया है कि भले ही सीट शेयरिंग पर सहमति बन रही हो, लेकिन नेतृत्व का मुद्दा अभी भी सुलझा नहीं है.
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