- पटना कोर्ट ने दुलारचंद यादव हत्याकांड में जेल में बंद विधायक अनंत सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी है
- अदालत ने मामले की गंभीरता और पुलिस द्वारा दर्ज FIR के आधार पर अनंत सिंह को जमानत देने से इनकार किया है
- अनंत सिंह एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में अपील दाखिल करने पर विचार कर रहे हैं
बिहार की राजधानी पटना में एक तरफ नीतीश कुमार अपनी नई कैबिनेट के साथ शपथ ले रहे थे, वहीं दूसरी तरफ उनकी पार्टी के बाहुबली विधायक अनंत सिंह को पटना सिविल कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. दुलारचंद यादव हत्याकांड मामले में बेउर जेल में कैद अनंत सिंह की जमानत याचिका एमपी-एमएलए कोर्ट ने खारिज कर दी.
जमानत न मिलने की ये रही वजह
अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए और पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर विधायक अनंत सिंह को फिलहाल जमानत देने से इनकार कर दिया है. अधिवक्ता कुमार हर्षवर्धन ने कहा कि पुलिस ने अभी तक मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं की है और कई महत्वपूर्ण साक्ष्य कोर्ट में पेश होने बाकी हैं.
पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे
विधायक अनंत सिंह एमपी-एमएलए कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर विचार कर रहे हैं. बताया गया है कि एफआईआर और कोर्ट में पेश सबूतों की कमजोर कड़ियों के आधार पर हाईकोर्ट में अपील दाखिल की जाएगी.
बताते चलें कि हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में मोकामा से जेडीयू प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज करने वाले अनंत सिंह इस वक्त दुलारचंद यादव हत्याकांड के सिलसिले में बेउर जेल में हैं. 1 नवंबर की देर रात उनकी गिरफ्तारी हुई थी.
क्या है पूरा मामला?
दुलारचंद यादव जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के समर्थक थे. 30 अक्टूबर को उनकी हत्या कर दी गई, जिसके बाद मोकामा इलाके में तनाव फैल गया था. मोकामा के तारतार गांव में जन सुराज पार्टी और जेडीयू समर्थकों के बीच चुनाव प्रचार के दौरान हिंसक झड़प हुई थी. इसी दौरान आरजेडी के पूर्व नेता दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई थी. झड़प में कई लोग घायल हुए थे.
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