प्रतीकात्मक फोटो
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                नई दिल्ली: 
                                        बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (सीएबी)) ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और अन्य के खिलाफ शीर्ष अदालत के आदेशों का कथित तौर पर उल्लंघन करने के लिए अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की. सीएबी ने आरोप लगाया है कि चौधरी, झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव राजेश वर्मा, ओड़िशा क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव आशीर्वाद बेहरा और छत्तीसगढ़ राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बलदेव सिंह भाटिया ने अदालत के आदेशों की गंभीर अवमानना की थी.
सीएबी ने अपने सचिव आदित्य प्रकाश वर्मा के जरिए अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि शीर्ष अदालत ने बीसीसीआई और राज्य एसोसिएशनों के कुछ पदाधिकारियों को अयोग्य ठहराया था और उन्हें तत्काल पद छोड़ने को कहा था.
याचिका में आरोप लगाया गया है, "प्रतिवादियों ने 18 अप्रैल को नयी दिल्ली में होटल आईटीसी मौर्या में बीसीसीआई की विशेष आम बैठक की अध्यक्षता करके और हिस्सा लेकर इस अदालत के आदेशों का उल्लंघन किया." याचिका में दावा किया गया है कि चौधरी ने न सिर्फ सभी राज्य एसोसिएशनों से अयोग्य सदस्यों को विशेष आम बैठक में बुलाया, बल्कि बैठक की अध्यक्षता भी की और अपनी मौजूदगी में अयोग्य सदस्यों को बैठक में हिस्सा लेने की अनुमति भी दी.
याचिका में आरोप लगाया गया है, "यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि यह अमिताभ चौधरी का कर्तव्य था कि वह इस बात को सुनिश्चित करें कि राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के किसी भी अयोग्य सदस्य को विशेष आम बैठक में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जाए." न्यायालय ने तीन जनवरी को स्पष्ट किया था कि कोई व्यक्ति बीसीसीआई का पदाधिकारी बनने के लिए अयोग्य होगा अगर वह नकदी से संपन्न क्रिकेट बोर्ड या किसी राज्य एसोसिएशन में कुल नौ साल तक पदाधिकारी रहा.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
                                                                        
                                    
                                सीएबी ने अपने सचिव आदित्य प्रकाश वर्मा के जरिए अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि शीर्ष अदालत ने बीसीसीआई और राज्य एसोसिएशनों के कुछ पदाधिकारियों को अयोग्य ठहराया था और उन्हें तत्काल पद छोड़ने को कहा था.
याचिका में आरोप लगाया गया है, "प्रतिवादियों ने 18 अप्रैल को नयी दिल्ली में होटल आईटीसी मौर्या में बीसीसीआई की विशेष आम बैठक की अध्यक्षता करके और हिस्सा लेकर इस अदालत के आदेशों का उल्लंघन किया." याचिका में दावा किया गया है कि चौधरी ने न सिर्फ सभी राज्य एसोसिएशनों से अयोग्य सदस्यों को विशेष आम बैठक में बुलाया, बल्कि बैठक की अध्यक्षता भी की और अपनी मौजूदगी में अयोग्य सदस्यों को बैठक में हिस्सा लेने की अनुमति भी दी.
याचिका में आरोप लगाया गया है, "यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि यह अमिताभ चौधरी का कर्तव्य था कि वह इस बात को सुनिश्चित करें कि राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के किसी भी अयोग्य सदस्य को विशेष आम बैठक में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जाए." न्यायालय ने तीन जनवरी को स्पष्ट किया था कि कोई व्यक्ति बीसीसीआई का पदाधिकारी बनने के लिए अयोग्य होगा अगर वह नकदी से संपन्न क्रिकेट बोर्ड या किसी राज्य एसोसिएशन में कुल नौ साल तक पदाधिकारी रहा.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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