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गुटखा खा रहे हैं तो तुम्हारे बाप का क्या जाता है... बिहार के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर की दादागिरी

बिहार के औरंगाबाद सदर अस्पताल से सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को शर्मसार करने वाला एक बेहद आपत्तिजनक वीडियो सामने आया है. अस्पताल के ओपीडी (OPD) में तैनात एक डॉक्टर खुलेआम गुटखा चबाते हुए न सिर्फ मरीजों की जांच कर रहा था, बल्कि आपत्ति जताने पर उसने मरीज के परिजन से भद्दी भाषा का इस्तेमाल करते हुए उन्हें धमकी भी दी. आदित्य कुमार की रिपोर्ट

गुटखा खा रहे हैं तो तुम्हारे बाप का क्या जाता है... बिहार के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर की दादागिरी

बिहार के औरंगाबाद सदर अस्पताल से सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को शर्मसार करने वाला एक बेहद आपत्तिजनक वीडियो सामने आया है. अस्पताल के ओपीडी (OPD) में तैनात एक डॉक्टर खुलेआम गुटखा चबाते हुए न सिर्फ मरीजों की जांच कर रहा था, बल्कि आपत्ति जताने पर उसने मरीज के परिजन से भद्दी भाषा का इस्तेमाल करते हुए उन्हें धमकी भी दी. यह वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है और इसने बिहार की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है.

गुटखा खाकर की बदजुबानी

वायरल हो रहे इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि डॉक्टर दिनेश कुमार अस्पताल के ओपीडी कक्ष में मुंह में गुटखा दबाए हुए हैं और उसी हालत में वह मरीजों की जांच कर रहे हैं. डॉक्टर ने न तो मास्क पहन रखा था और न ही स्वच्छता के किसी नियम का पालन किया.

जब एक मरीज के परिजन ने डॉक्टर के इस लापरवाह रवैये पर आपत्ति जताई, तो डॉक्टर भड़क उठे. डॉक्टर की प्रतिक्रिया और भी ज्यादा शर्मनाक थी. उन्होंने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा: "गुटखा खा रहे हैं तो क्या कर लोगे? बताओ, क्या कर लोगे? हम गुटखा खा रहे हैं तो तुम्हारे बाप का क्या जाता है."


यह व्यवहार मेडिकल एथिक्स का भी गंभीर उल्लंघन है. कोविड-19 महामारी के बाद स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए स्वच्छता और मास्क पहनने के नियमों का पालन करना अनिवार्य है, जिसका इस घटना में पूरी तरह से उल्लंघन किया गया है.

स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सदर अस्पताल में डॉक्टरों के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार की पहली घटना नहीं है, लेकिन इससे पहले शिकायतों को अक्सर दबा दिया जाता था. यह घटना स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है. यदि शहर के मुख्य अस्पताल में यह हाल है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर क्या होगा? क्या अस्पताल प्रशासन स्वास्थ्य कर्मचारियों के व्यवहार और स्वच्छता के नियमों पर कोई निगरानी नहीं रखता?

तत्काल कार्रवाई की मांग तेज

वीडियो के पुख्ता सबूत सामने आने के बाद स्थानीय नागरिकों ने दोषी डॉक्टर दिनेश कुमार के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई की मांग तेज कर दी है. नागरिकों का कहना है कि ऐसे गैर-जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई न होने से स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बढ़ती रहेगी.

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