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सकरा सीट पर फिर से जेडीयू का कब्जा, कांग्रेस के उमेश कुमार राम 15050 वोटों से हारे

सकरा विधानसभा के प्रमुख मुद्दे सड़क निर्माण और बेरोजगारी के कारण होने वाले पलायन को रोकना है. स्थानीय जनता की मुख्य समस्याएं मुख्य सड़कों का निर्माण न होना और रोजगार की कमी है.

सकरा सीट पर फिर से जेडीयू का कब्जा, कांग्रेस के उमेश कुमार राम 15050 वोटों से हारे

सकरा विधानसभा सीट इस बार जेडीयू के आदित्य कुमार ने जीत ली है. उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार उमेश कुमार राम को 15050 वोटों से हराया. आदित्य कुमार ने 98723 वोट हासिल किए, जबकि उमेश कुमार राम को इस बार 83673 मत हासिल हुए.

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सकरा विधानसभा सीट पर मुकाबला हमेशा कांटे का रहा है. 2020 के विधानसभा चुनाव में, जदयू के अशोक कुमार चौधरी ने कांग्रेस के उमेश कुमार राम को महज 1,537 वोटों के बहुत कम अंतर से हराकर जीत हासिल की थी. अशोक कुमार चौधरी को 67,265 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के उमेश कुमार राम को 65,728 वोट मिले थे.

इससे पहले, 2015 के विधानसभा चुनाव में, राजद के लाल बाबू राम ने भाजपा के अर्जुन राम को हराकर यह सीट जीती थी.

मुजफ्फरपुर जिले की सकरा विधानसभा सीट समस्तीपुर और वैशाली जिलों से सटी हुई है, जो इसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाती है. इस क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे सड़क निर्माण और बेरोजगारी के कारण होने वाले पलायन को रोकना है. स्थानीय जनता की मुख्य समस्याएं मुख्य सड़कों का निर्माण न होना और रोजगार की कमी है.

यहां मुस्लिम और यादव मतदाता सबसे अहम भूमिका में हैं, जबकि राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण, कोइरी, रविदास और पासवान मतदाताओं का प्रभाव भी निर्णायक है.

2020 में मुजफ्फरपुर जिले की सीटवार स्थिति मिली-जुली थी. सकरा विधानसभा पर जदयू का कब्जा था, जबकि कांटी, गायघाट, मीनापुर और बोचहा सीटों पर राजद का वर्चस्व था. जिले की कुढ़नी, औराई, बरूराज, साहेबगंज और पारू सीटें भाजपा के खाते में थी, और मुजफ्फरपुर नगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस का प्रतिनिधित्व था.

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