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राजापाकर सीट पर फ्रेंडली फाइट! कांग्रेस और CPI आमने-सामने, दिलचस्‍प हुआ मुकाबला

सीपीआई उम्मीदवार मोहित पासवान ने कहा कि आप ही देख लीजिए कौन है महागठबंधन का असली उम्मीदवार. कोऑर्डिनेशन समिति के मंजूरी के बिना कांग्रेस ने उम्मीदवार उतार दिया.

राजापाकर सीट पर फ्रेंडली फाइट! कांग्रेस और CPI आमने-सामने, दिलचस्‍प हुआ मुकाबला
  • बिहार में 12 विधानसभा सीटों पर महागठबंधन के एक से अधिक उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.
  • वैशाली की राजापाकड़ सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और यहां महागठबंधन के दो उम्मीदवार मैदान में हैं.
  • मल्लिकार्जुन खरगे ने राजापाकड़ में कांग्रेस उम्मीदवार प्रतिमा कुमारी दास के लिए प्रचार किया.
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वैशाली:

बिहार में कुल 12 ऐसी सीटें हैं, जहां महागठबंधन के एक से ज़्यादा उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इन्हें दोस्ताना लड़ाई यानि फ्रेंडली फाइट कहा जा रहा है. इन्हीं में से एक सीट है वैशाली की राजापाकड़ विधानसभा सीट. ये सीट अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित है और यहां पहले चरण में 6 नवंबर को चुनाव होना है.

सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे वैशाली जिले की राजापाकड़ सीट पर अपनी पार्टी की उम्मीदवार और वर्तमान विधायक प्रतिमा कुमारी दास के समर्थन में चुनाव प्रचार करने पहुंचे. वैसे तो मंच पर महागठबंधन के सभी सहयोगियों को मौजूद रहना चाहिए थे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. न ही मंच पर कांग्रेस के अलावा किसी और पार्टी का झंडा ही दिखा. हां , भीड़ में कुछ लोग आरजेडी का झंडा लेकर खड़े जरूर दिखाई दिए. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस सीट से महागठबंधन के दो उम्मीदवार मैदान में हैं, जिसे दोस्ताना लड़ाई बताया जा रहा है.

इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के साथ साथ सीपीआई के मोहित पासवान भी चुनाव मैदान में हैं. खरगे कुछ भी कहें. लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार को पता है कि दोस्ताना लड़ाई का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है. 

अब इसी सीट की दूसरी तस्वीर देखिए. सीपीआई महासचिव डी राजा भी सोमवार को ही अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे और वो भी खरगे की चुनावी सभा से कुछ ही दूरी पर. लेकिन राजा के मंच पर कांग्रेस को छोड़कर सभी दलों के झंडे भी थे और नेता भी. 

सीपीआई उम्मीदवार मोहित पासवान ने कहा कि आप ही देख लीजिए कौन है महागठबंधन का असली उम्मीदवार. कोऑर्डिनेशन समिति के मंजूरी के बिना कांग्रेस ने उम्मीदवार उतार दिया.

साफ है ऊपर से नेता कुछ भी कहते रहें. लेकिन जमीन पर दोस्ताना नहीं , बल्कि असल लड़ाई चल रही है. इसका असर कांग्रेस के चुनावी अभियान पर भी पड़ रहा है. खुद मल्लिकार्जुन खरगे की सभा में लोगों की तादाद बहुत कम रही और उन्होंने खुद इसे माना. 

  • जिन 12 विधानसभा सीटों पर दोस्ताना लड़ाई हो रही है
  • उनमें 5 सीटों पर पहले चरण में जबकि 7 सीटों पर दूसरे चरण मेंं चुनाव होगा
  • इनमें 4 सीटों पर कांग्रेस और सीपीआई की लड़ाई है
  • राजापाकड़ , बछवाड़ा , बिहारशरीफ और करगहर सीट पर दोनों आमने सामने हैं
  • जबकि 5 सीटों पर कांग्रेस और आरजेडी की लड़ाई है 

ऐसे में अगर आपसी खींचतान के चलते इन 12 सीटों पर महागठबंधन को नुकसान होता है तो उसकी सरकार बनाने की कोशिशें को भी झटका लग सकता है.

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