
- बिहार में इंडिया गठबंधन के घटक दलों की बैठक पटना में होगी, जिसमें सीट बंटवारे पर चर्चा की जाएगी
- कांग्रेस और आरजेडी अगले हफ्ते दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व के साथ सीट बंटवारे का फार्मूला तय करेंगे
- पिछली बार के मुकाबले कांग्रेस और आरजेडी की सीटें लगभग दस प्रतिशत कम होने की संभावना है
बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा के समापन के बाद अब इंडिया गठबंधन का फोकस सीट बंटवारे पर है. शनिवार को पटना में इंडिया गठबंधन के घटक दलों यानी आरजेडी, कांग्रेस, वामदल, वीआईपी के प्रदेश नेताओं की बैठक होगी.
सूत्रों के मुताबिक शनिवार को आपसी सहमति के बाद अगले हफ्ते दिल्ली में कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व के साथ तेजस्वी यादव और अन्य सहयोगी दलों के नेताओं की बैठक होगी जिसके बाद सीट बंटवारे के फार्मूले का एलान किया जा सकता है. कांग्रेस की कोशिश है कि सितंबर के दूसरे हफ्ते तक सीट बंटवारे का काम पूरा कर लिया जाए ताकि चुनावों के एलान तक उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया पूरी की जा सके.
बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से पिछले विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने 144, कांग्रेस ने 70, वामदलों ने 29 (सीपीआई एमएल: 19, सीपीएम और सीपीआई: 10) सीटों पर चुनाव लड़ा था. इस बार वीआईपी पार्टी भी इंडिया गठबंधन में शामिल है और सीपीआईएम दुगनी सीटों की मांग कर रही है ऐसे में पिछली बार की तुलना में कांग्रेस और आरजेडी की दस प्रतिशत सीटें कम होने की पूरी संभावना है.
कांग्रेस पहले से कम सीटों के लिए तो तैयार है लेकिन उसकी नजर मजबूत सीटों पर है. वोटर अधिकार यात्रा के बाद कांग्रेस नए जोश में है. वो आरजेडी पर दबाव बढ़ा सकती है. सूत्रों के मुताबिक वाम दलों और वीआईपी के लिए 50 सीटें छोड़ कर कांग्रेस और आरजेडी आपस में 193 सीटें बांट सकते हैं. सभी दल सीटों के साथ–साथ जातीय समीकरण के आधार पर संभावित उम्मीदवारों पर भी बात कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक इंडिया गठबंधन यादव और मुस्लिम के साथ दलित, मल्लाह समेत अन्य अति पिछड़ी जातियों का समीकरण साधने की तैयारी कर रही है.
सीट बंटवारे को लेकर आरजेडी की सभी दलों के साथ शुरुआती बैठक हो चुकी है. ऐसे में ज्यादातर सीटों को लेकर आपसी सहमति का एक खाका तैयार भी है लेकिन करीब बीस–पच्चीस सीटों पर पेंच सुलझाना आसान नहीं होगा.
पटना से लेकर दिल्ली तक सीट बंटवारे पर मंथन के बीच जमीन पर गठबंधन के कार्यकर्ता चुनावी वादों को घर घर पहुंचाने में जुटेंगे. सीट बंटवारा और उम्मीदवार तय होने के बाद गठबंधन की बड़ी रैलियां शुरू होंगी. करीब आधा दर्जन बड़ी सभाओं की रणनीति बनाई जा रही है. इस दौरान तेजस्वी यादव को औपचारिक रूप से सीएम उम्मीदवार भी घोषित किया जाएगा.
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