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बिहार चुनाव 2025 : अमरपुर में किस करवट बैठेगा ऊंट, जानें पिछले चुनावों का समीकरण

2020 में जयंत राज को 53,963 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के जितेंद्र सिंह को 50,721 वोट. लोजपा ने 40,308 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहते हुए भी चुनावी समीकरणों को प्रभावित किया.

बिहार चुनाव 2025 : अमरपुर में किस करवट बैठेगा ऊंट, जानें पिछले चुनावों का समीकरण
  • अमरपुर विधानसभा क्षेत्र में अब तक सोलह बार चुनाव संपन्न हो चुके हैं और यह दो प्रखंडों से मिलकर बना है
  • 1985 के बाद से अमरपुर में कांग्रेस को कोई जीत हासिल नहीं हुई है और राजद तथा जदयू का वर्चस्व बढ़ा है
  • 2020 के चुनाव में जदयू के जयंत राज कुशवाहा ने कांग्रेस के जितेंद्र सिंह को मामूली वोट अंतर से हराया था
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अमरपुर:

बिहार के बांका जिले में स्थित अमरपुर विधानसभा क्षेत्र, बांका लोकसभा सीट का हिस्सा है. यह क्षेत्र शंभुगंज और अमरपुर दो प्रखंडों को मिलाकर बना है. साल 1957 में इसकी स्थापना हुई थी और तब से अब तक यहां 16 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. शुरुआती सालों में यहां से कांग्रेस, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनसंघ और जनता पार्टी के उम्मीदवारों को जीत मिलती रही. हालांकि, 1985 के बाद कांग्रेस को यहां सफलता नहीं मिली.

पिछले विधानसभा चुनाव का नतीजा

इसके बाद का दौर राजद और जदयू के वर्चस्व का रहा. राजद के सुरेंद्र सिंह कुशवाहा ने चार बार लगातार जीत दर्ज की, जबकि जदयू के जनार्दन मांझी ने 2010 और 2015 में जीत हासिल की. साल 2020 के चुनाव में जदयू के जयंत राज कुशवाहा ने कांग्रेस के जितेंद्र सिंह को 3,114 वोटों के मामूली अंतर से हराया. लोजपा के मृणाल शेखर ने भी 24% वोट हासिल कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया था

2025 का चुनावी परिदृश्य

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे, और अमरपुर सीट पर 14 नवंबर 2025 को मतगणना होगी. इस बार मुकाबला एनडीए (बीजेपी, जदयू, लोजपा) और महागठबंधन (राजद, कांग्रेस) के बीच कड़ा रहने की संभावना है. 2020 में जयंत राज को 53,963 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के जितेंद्र सिंह को 50,721 वोट. लोजपा ने 40,308 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहते हुए भी चुनावी समीकरणों को प्रभावित किया.

भौगोलिक और सामाजिक परिदृश्य

अमरपुर एक अधिसूचित क्षेत्र है, जिसे सामुदायिक विकास खंड का दर्जा प्राप्त है. यह न तो पूरी तरह ग्रामीण है और न ही शहरी, बल्कि एक संक्रमणकालीन प्रशासनिक क्षेत्र है. यहां ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन बढ़ रहा है. कभी यह क्षेत्र चीनी मिलों के लिए जाना जाता था, लेकिन तकनीकी पिछड़ापन और सरकारी सहयोग की कमी के चलते अधिकांश मिलें बंद हो चुकी हैं. अब यह क्षेत्र तेजी से एक वाणिज्यिक केंद्र के रूप में उभर रहा है, जहां नए बाजार, दुकानें और निर्माण कार्य रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहे हैं.

जनसांख्यिकी 

  • 2020 में मतदाता संख्या: 2,95,587
  • 2024 में मतदाता संख्या: 3,05,894
  • शहरी मतदाता: 6.32%
  • SC मतदाता: 12.88%
  • मुस्लिम मतदाता: 10.5%

मतदान प्रतिशत

  • 2015: 55.61%
  • 2019: 55.39%
  • 2020: 55.55%

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