- भोरे विधानसभा सीट गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र के तहत आती है और एनडीए का मुकाबला वाम दल से होता है
- 2020 के चुनाव में जेडीयू के सुनील कुमार ने सीपीआई (एमएल) के जितेंद्र पासवान को मामूली अंतर से हराया था
- भोरे क्षेत्र में दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा और मुस्लिम समुदाय के वोटर्स अधिक हैं
भोरे (एससी) विधानसभा सीट का नतीजा सामने आ चुका है और इस बार मुकाबला एकतरफा रहा. जेडीयू प्रत्याशी सुनील कुमार ने कुल 1,01,469 वोट हासिल किए और सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के धनंजय को 16,163 मतों से हराते हुए बड़ी जीत दर्ज की है. यह जीत न सिर्फ जेडीयू के लिए राहत लेकर आई है बल्कि यह भी संदेश देती है कि 2020 की कांटे की टक्कर के बाद इस बार मतदाताओं ने स्पष्ट जनादेश दिया है.
गोपालगंज जिले की यह सीट हमेशा से राजनीतिक रोमांच का केंद्र रही है. गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली भोरे सीट एनडीए और वाम दलों के बीच सीधी वैचारिक लड़ाई का मैदान मानी जाती है. इसका राजनीतिक इतिहास भी दिलचस्प है. 1977 में जनता पार्टी के जमुना राम ने यहां जीत दर्ज की थी, जिसके बाद कई चुनावों में यहां समीकरण बदले.
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