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कुचायकोट में जेडीयू की धमाकेदार जीत: अमरेन्द्र पांडेय ने फिर मारी बाजी, कांग्रेस की हुई हार

गोपालगंज की कुचायकोट सीट पर 2020 में जेडीयू के अमरेन्द्र कुमार पांडेय ने कांग्रेस के काली प्रसाद पांडेय को 20,000 से ज्यादा वोटों से हराया था. 2025 में यहां फिर एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला तय है.

कुचायकोट में जेडीयू की धमाकेदार जीत: अमरेन्द्र पांडेय ने फिर मारी बाजी, कांग्रेस की हुई हार
  • कुचायकोट विधानसभा सीट गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है और राजनीतिक दृष्टि से हमेशा महत्वपूर्ण रही है
  • 2020 में जेडीयू के अमरेन्द्र कुमार पांडेय ने कांग्रेस के काली प्रसाद पांडेय को बड़े अंतर से हराया था
  • इस क्षेत्र की प्रमुख जातियां यादव, ब्राह्मण, भूमिहार और कुर्मी हैं जो चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाती हैं
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गोपालगंज:

कुचायकोट विधानसभा सीट से बड़ा चुनावी अपडेट सामने आया है. मतगणना पूरी होने के बाद एक बार फिर इस सीट पर जनता दल (यूनाइटेड) ने अपना दबदबा साबित कर दिया है. जेडीयू प्रत्याशी अमरेन्द्र कुमार पांडेय ने इस बार भी जबरदस्त जीत दर्ज की है. उन्हें कुल 1,01,425 वोट मिले, जबकि उनके नजदीकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार हरी नारायण सिंह को उनसे 24,491 वोट कम मिले. इस जीत के साथ अमरेन्द्र पांडेय ने लगातार दूसरी बार इस सीट पर अपना परचम लहराया है.

गोपालगंज जिले में स्थित कुचायकोट विधानसभा सीट उन चुनिंदा सीटों में से है जहां हर चुनाव में समीकरण बदलते हैं. गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली यह सीट राजनीतिक रूप से हमेशा चर्चा में रहती है. 1952 में जब पहले विधानसभा चुनाव हुए थे, तब यहां कांग्रेस के शिवा कुमार ने जीत दर्ज की थी. लेकिन समय के साथ इस सीट की राजनीतिक दिशा बदली और अब यह जेडीयू के मजबूत गढ़ के रूप में पहचानी जाती है.

यह सीट इसलिए भी चर्चा में रहती है क्योंकि यहां मतदाताओं का रूझान कई बार सत्ता विरोधी लहर को काट देता है, तो कई बार स्थानीय मुद्दे चुनावी समीकरण को पूरी तरह प्रभावित कर देते हैं. 2020 के चुनाव इसका बड़ा उदाहरण हैं. उस चुनाव में भी जेडीयू के अमरेन्द्र कुमार पांडेय ने कांग्रेस के काली प्रसाद पांडेय को 20,630 वोटों से मात दी थी. अमरेन्द्र को उस समय 74,359 वोट मिले थे, जबकि काली प्रसाद के खाते में 53,729 वोट आए थे. इस नतीजे ने साबित किया था कि एनडीए की पकड़ इस इलाके में मजबूत है.

इस बार का चुनाव परिणाम भी वही कहानी दोहराता नजर आया. बढ़ते अंतर से मिली जीत ने साफ कर दिया कि कुचायकोट में जेडीयू का जनाधार न सिर्फ कायम है, बल्कि और मजबूत हुआ है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि स्थानीय स्तर पर अमरेन्द्र पांडेय की सक्रियता, संगठन की पकड़ और एनडीए कैडर की एकजुटता ने उनकी जीत सुनिश्चित की.

कुचायकोट की इस जीत ने एक बार फिर बिहार के राजनीतिक नक्शे में जेडीयू की मौजूदगी को मजबूती से रेखांकित कर दिया है.

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