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हथुआ विधानसभा सीट: गोपालगंज का सियासी अखाड़ा, जहां 2020 में राजद ने 30 हजार से ज्यादा वोटों से मारी थी बाजी

हथुआ सीट पर 2020 में राजद के राजेश कुमार सिंह ने जेडीयू के राम सेवक सिंह को 30,000 से ज्यादा वोटों से हराकर बड़ा उलटफेर किया था. 2025 में यह मुकाबला फिर हाईवोल्टेज हो सकता है.

हथुआ विधानसभा सीट: गोपालगंज का सियासी अखाड़ा, जहां 2020 में राजद ने 30 हजार से ज्यादा वोटों से मारी थी बाजी
गोपालगंज:

गोपालगंज जिले की हथुआ विधानसभा सीट बिहार की उन सीटों में से एक है जहां सत्ता का समीकरण अक्सर बदलता रहा है. यह सीट गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है और राजनीति के लिहाज से हमेशा चर्चा में रही है. 2010 में यहां जेडीयू के राम सेवक सिंह ने जीत हासिल की थी, लेकिन 2020 के चुनाव में इस सीट पर तस्वीर पूरी तरह बदल गई.

2020 के विधानसभा चुनाव में राजद उम्मीदवार राजेश कुमार सिंह ने शानदार जीत दर्ज की. उन्होंने जेडीयू के राम सेवक सिंह को 30,527 वोटों के बड़े अंतर से हराया. राजेश सिंह को कुल 86,731 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी राम सेवक सिंह को 56,204 वोट ही मिल सके. यह नतीजा न सिर्फ राजद के लिए जीत था, बल्कि गोपालगंज जिले में पार्टी की वापसी का संकेत भी माना गया.

हथुआ की सियासत में जातीय समीकरण अहम भूमिका निभाते हैं. यादव, कुशवाहा, राजपूत और मुस्लिम मतदाता यहां निर्णायक भूमिका में रहते हैं. यही वजह है कि राजद ने सामाजिक समीकरणों के साथ-साथ संगठन को भी इस क्षेत्र में मजबूत किया है. राम सेवक सिंह जैसे पुराने खिलाड़ी को मात देना आसान नहीं था, लेकिन राजेश कुमार सिंह ने स्थानीय मुद्दों  जैसे बेरोजगारी, सड़क, और किसानों की समस्या को चुनावी केंद्र में रखकर मतदाताओं का भरोसा जीता.

राजनीतिक पर्यवेक्षकों के मुताबिक, 2025 का चुनाव हथुआ सीट को लेकर फिर दिलचस्प होगा. एक तरफ राजद अपने जनाधार को और मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है, वहीं जेडीयू इस हार की भरपाई के लिए नए चेहरे और नए समीकरण की तलाश में है.

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