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Beldaur Result: JDU के 'हीरा' बनकर चमके पन्ना लाल, लगातार चौथी बार फहराया जीत का परचम

बेलदौर सीट पर जदयू ने लगातार चौथी बार जीत का परचम फहराया है. जदयू के पन्ना लाल सिंह पटेल ने लगातार यहां से जीत करते आ रहे हैं.

Beldaur Result: JDU के 'हीरा' बनकर चमके पन्ना लाल, लगातार चौथी बार फहराया जीत का परचम

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में खगड़िया जिले की बेलदौर सीट साल 2008 में अस्तित्व में आई थी. बीते तीन विधानसभा चुनावों से जेडीयू यहां जीत की हैट्रिक लगाती रही है. अब लगातार चौथी बार जेडीयू ने यहां जीत का परचम फहराया है. जेडीयू के पन्ना लाल सिंह पटेल ने 35 हजार से अधिक वोटों से कांग्रेस पार्टी के मिथिलेश कुमार निषाद को मात दी है. बेलदौर में इस बार 67.04 फीसदी मतदान हुआ था.

प्रत्याशीपार्टी वोट मिले
पन्ना लाल सिंह पटेलजेडीयू106262 
मिथिलेश कुमार निषादकांग्रेस71087 
तनीषा भारतीइंडियन इन्क्लूसिव पार्टी9188 
गजेंद्र कुमार सिंहजन सुराज5235 
नोटा-7980 

कब-कब कौन जीता?

बेलदौर सीट पर जदयू ने लगातार जीत की हैट्रिक लगाई है. तीनों बार जदयू के पन्ना लाल सिंह पटेल ने यहां से जीत हासिल की है. 2010 के चुनाव में जदयू के पन्ना लाल सिंह पटेल ने 45 हजार से अधिक वोटों के साथ जीत दर्ज की, जबकि लोजपा की सुनीता शर्मा 31 हजार वोटों के साथ दूसरे स्थान पर और कांग्रेस की उमा देवी 14,655 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं. 

2015 के चुनाव में जदयू ने फिर से यहां बाजी मारी. इस चुनाव में पन्ना लाल सिंह पटेल को 63 हजार से अधिक वोट मिले. वहीं लोक जनशक्ति पार्टी के मिथिलेश कुमार निषाद को 50 हजार से कम वोट मिले थे. 

2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू के पन्ना लाल सिंह पटेल को 56,541 वोट मिले, वहीं कांग्रेस के चंदन कुमार उर्फ डॉ. चंदन यादव को 51,433 वोटों से संतोष करना पड़ा. 2020 में लोजपा के मिथिलेश कुमार निषाद को 31,229 और बसपा के सुशांत यादव को 3,547 वोट मिले थे.

जातीय-सियासी निष्ठा का क्षेत्र

बेलदौर के मतदाता विकास से ज्यादा जातीय और सियासी निष्ठा को प्राथमिकता देते हैं, जिसके चलते इस क्षेत्र का समग्र विकास अब तक अधूरा है. कुर्मी बहुल इस इलाके में जदयू का मजबूत जातीय आधार है, लेकिन 2020 में कांग्रेस ने कड़ी टक्कर दी थी. विपक्षी महागठबंधन इस बार भी अपनी पूरी ताकत झोंकने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुई और बीजेपी ने सीट बरकरार रखी.

वोटों का गणित

साल 2020 में बेलदौर में 3,06,644 पंजीकृत मतदाता थे, जो 2024 तक बढ़कर 3,20,807 हो गए हैं. मतदाताओं की बढ़ती  संख्या के बीच जदयू अपनी पकड़ मजबूत रखना चाहेगी. बेलदौर में जातीय समीकरण चुनावी नतीजों को तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं. कुर्मी मतदाता (75 हजार) सबसे बड़ी ताकत हैं, जो नीतीश कुमार के प्रति निष्ठा के लिए जाने जाते हैं. इसके अलावा, अन्य महत्वपूर्ण जातियों में निषाद-सहनी (43 हजार), यादव (35 हजार), दलित (40 हजार), मुस्लिम (18 हजार), नागर (14 हजार), अगड़ी (17 हजार), कुशवाहा (20 हजार), पासवान (8 हजार) और अन्य (50 हजार) शामिल हैं. विभिन्न समुदायों की मौजूदगी इस क्षेत्र को सियासी लिहाज से काफी अहम बनाती है.

क्या खास मुद्दे रहे?

बेलदौर एक कुर्मी बहुल इलाका है, जहां वोटिंग अक्सर जाति और पार्टी निष्ठा पर आधारित होती है. बेलदौर विधानसभा क्षेत्र विकास के मामले में अन्य क्षेत्रों की तुलना में काफी पीछे है. कोसी नदी की हर साल आने वाली बाढ़ इस क्षेत्र के विकास कार्यों को बहा ले जाती है. बुनियादी ढांचा मसलन टूटी सड़कें, पुल-पुलियों का अभाव यहां एक बड़ा मुद्दा है. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं भी यहां बदहाल हैं, जिसके चलते विकास के मुद्दे अक्सर हाशिए पर चले जाते हैं.

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