लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार से अपने फैसले पर विचार करने के लिए कहा था...
- नीतीश कुमार ने इस्तीफा देने से पहले लालू यादव को फोन लगाया था
- नीतीश ने फोन पर दी थी लालू को इस्तीफा देने की खबर
- कहा- मैं इसे अब और गठबंधन नहीं चला सकता
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पटना:
नीतीश कुमार ने इस्तीफा देने से पहले लगभग 10 मिनट आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को फोन लगाया. सूत्रों के मुताबिक, नीतीश ने कहा था, "लालू जी, मुझे माफ कर दीजिए लेकिन 20 माह तक सरकार चलाने के बाद मैं इसे अब और नहीं चला सकता. मैं अपना पद छोड़ने जा रहा हूं." हालांकि लालू ने उन्हें अपने फैसले पर विचार करने के लिए कहा था. लगभग आधा घंटे के बाद सभी न्यूज चैनलों पर यह खबर प्रसारित हो गई कि नीतीश कुमार ने लालू और कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है. बाद में तस्वीर सामने आई कि जेडीयू, बीजेपी के सहयोग से सरकार बनाने जा रही है.
शुक्रवार को बिहार में एनडीए की नई सरकार ने विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया. नीतीश के पक्ष में 131 वोट पड़े और विरोध में 108 वोट पड़े. राजद ने सदन से वॉकआउट किया और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है. नीतीश कुमार ने एक बार फिर दोहराया है कि जो किया बिहार के लिए किया. अब राज्य और केंद्र में एक ही सरकार होगी.पैसा बनाने के लिए राजनीति नहीं की. मुझे धर्मनिरपेक्षता का पाठ न पढ़ाएं. मुझे मजबूर किया तो आइना दिखाएंगे. ये लोग अहंकार और भ्रम में जीने वाले लोग हैं.
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इससे पहले बुधवार देर रात को नीतीश कुमार ने बीजेपी नेताओं के साथ राज्यपाल को 132 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा था, जिसमें जेडीयू के 71, बीजेपी के 53, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के 2, एलजेपी के 2, जीतनराम मांझी की पार्टी 'हम' के 1 और 3 निर्दलीय विधायक शामिल हैं.
पढ़ें : नीतीश कुमार के फैसले पर उनके क्षेत्र में क्या है लोगों की राय, पढ़ें- ग्राउंड रिपोर्ट
VIDEO : नीतीश सरकार का शपथग्रहण समारोह
आरजेडी पहुंची हाईकोर्ट
आरजेडी ने राज्यपाल के फैसले को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी है. हाईकोर्ट में आरजेडी की याचिका मंजूर कर ली गई है. इस पर सोमवार को सुनवाई होगी. आरजेडी का कहना है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उन्हें सरकार बनाने के लिए बुलाया जाना चाहिए था. हाईकोर्ट ने आज के विश्वासमत पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
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आरजेडी पहुंची हाईकोर्ट
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