 
                                            प्रतीकात्मक चित्र
                                                                                                                        - नई शाखा खोलने और कृषि कार्यों में कर्ज़ देने के मामले में पीछे हैं बैंक
- 1340 शाखा खोलने के लक्ष्य के मुकाबले में केवल 70 शाखा ही खुली हैं
- मछली पालन के लिए 433 आवेदनों में से केवल 205 को ही मिली मंजूरी
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                                                                                पटना: 
                                        बिहार सरकार ने नोटबंदी के दौर में भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के बावजूद विभिन्न बैंकों द्वारा नई शाखा एवं एटीएम के मामलों में अपेक्षित लक्ष्य हासिल नहीं करने वाले बैंकों पर सख्ती करने का संकेत दिया है. राज्य सरकार ने कहा है कि ऐसे बैंकों को चिन्हित कर सरकारी राशि से वंचित करने के लिए प्रमंडलीय आयुक्त एवं जिलाधिकारियों समेत संबंधित विभागों को जल्दी ही निर्देश जारी किया जाएगा.
बिहार के वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने मंगलवार को राज्यस्तरीय बैंकर्स कमिटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये बातें कहीं. भारतीय स्टेट बैंक अगुवाई में हुई इस बैठक में कई बैकों के पदाधिकारियों की अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए सिद्दीकी ने अगली राज्य स्तरीय बैठक में निदेशक स्तर के पदाधिकारियों को भाग लेने के निर्देश दिए.
बैंकर्स समिति की यह बैठक में मुख्यत: बैंकों द्वारा नई शाखा खोलने, नए एटीएम मशीनों की स्थापना, डेयरी एवं कुक्कुट उद्योग एवं मत्स्य पालन पर केन्द्रित थी. बैठक में पशुपालन मंत्री अवधेश नारायण सिंह भी शामिल हुए.
नई शाखा खोलने के मामले में गत 15 दिसंबर तक राज्य के 35 वाणिज्यिक बैंकों ने निर्धारित लक्ष्य 1340 के मुकाबले में मात्र 70 शाखा खोलने में सफलता पाई है, वहीं ग्रामीण बैंक 300 के मुकाबले मात्र 17 जबकि सहकारी बैंकों की संख्या शून्य है.
दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में कुल 8326 प्राप्त आवेदनों में से 7155 को स्वीकृति दी गई जिसमें मंजूर की गई राशि 12028 रुपये मात्र है. मत्स्य पालन के लिए राज्य भर में कुल 323 आवेदन मत्स्य विभाग द्वारा भेजे गए, जबकि बैंकों को प्राप्त कुल आवेदनों की संख्या 433 थी. इनमें 205 आवेदनों की स्वीकृति देते हुए बैंकों द्वारा 644 लाख रुपयों का कर्ज़ मुहैया कराया गया. कुक्कुट प्रक्षेत्र के 320 आवेदनों में से कुल 1905 लाख रुपये वाले 285 आवेदनों को स्वीकृति प्रदान की गई.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
                                                                        
                                    
                                बिहार के वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने मंगलवार को राज्यस्तरीय बैंकर्स कमिटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये बातें कहीं. भारतीय स्टेट बैंक अगुवाई में हुई इस बैठक में कई बैकों के पदाधिकारियों की अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए सिद्दीकी ने अगली राज्य स्तरीय बैठक में निदेशक स्तर के पदाधिकारियों को भाग लेने के निर्देश दिए.
बैंकर्स समिति की यह बैठक में मुख्यत: बैंकों द्वारा नई शाखा खोलने, नए एटीएम मशीनों की स्थापना, डेयरी एवं कुक्कुट उद्योग एवं मत्स्य पालन पर केन्द्रित थी. बैठक में पशुपालन मंत्री अवधेश नारायण सिंह भी शामिल हुए.
नई शाखा खोलने के मामले में गत 15 दिसंबर तक राज्य के 35 वाणिज्यिक बैंकों ने निर्धारित लक्ष्य 1340 के मुकाबले में मात्र 70 शाखा खोलने में सफलता पाई है, वहीं ग्रामीण बैंक 300 के मुकाबले मात्र 17 जबकि सहकारी बैंकों की संख्या शून्य है.
दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में कुल 8326 प्राप्त आवेदनों में से 7155 को स्वीकृति दी गई जिसमें मंजूर की गई राशि 12028 रुपये मात्र है. मत्स्य पालन के लिए राज्य भर में कुल 323 आवेदन मत्स्य विभाग द्वारा भेजे गए, जबकि बैंकों को प्राप्त कुल आवेदनों की संख्या 433 थी. इनमें 205 आवेदनों की स्वीकृति देते हुए बैंकों द्वारा 644 लाख रुपयों का कर्ज़ मुहैया कराया गया. कुक्कुट प्रक्षेत्र के 320 आवेदनों में से कुल 1905 लाख रुपये वाले 285 आवेदनों को स्वीकृति प्रदान की गई.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
