
Arrah Assembly Seat: बिहार की राजनीति में आरा विधानसभा सीट का अपनी एक खास जगह है. भोजपुर जिले की यह सीट आरा लोकसभा क्षेत्र में आती है और ऐतिहासिक रूप से यह सीट भारतीय जनता पार्टी (BJP) का मजबूत गढ़ रही है, हालांकि यहां मुकाबला हमेशा कड़ा रहा है.
पिछली हार जीत
2020 के पिछले विधानसभा चुनाव में, बीजेपी के नेता अमरेंद्र प्रताप सिंह ने इस सीट से जीत दर्ज की थी. उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के कयामुद्दीन अंसारी को 3,002 वोटों के बेहद कड़े मुकाबले में हराया था. अमरेंद्र प्रताप सिंह को 71,781 वोट हासिल हुए थे, वहीं, कयामुद्दीन अंसारी को 68,779 वोट मिले थे.

सीट पर किस पार्टी का रहा दबदबा
आरा विधानसभा सीट पर बीजेपी का लंबे समय से कब्जा रहा है. बीजेपी के अमरेंद्र प्रताप सिंह ने इस सीट से 5 बार विधायक का चुनाव जीता है. उन्होंने पहली बार साल 2000 में जीत हासिल की थी और तब से यह सीट बीजेपी के मजबूत किले के रूप में जानी जाती है. इस दौरान वह बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष और कृषि मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे हैं. हालांकि, 2015 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मोहम्मद नवाज आलम ने जीत दर्ज कर बीजेपी के वर्चस्व को एक बार तोड़ा था, लेकिन 2020 में यह सीट वापस बीजेपी के खाते में चली गई.
जातिगत समीकरण
आरा सीट के जातिगत समीकरण की बात करें तो, यहां राजपूत के साथ सवर्ण जातियों का अच्छा खासा दबदबा रहा है. वहीं, विपक्षी महागठबंधन, खासकर सीपीआई(एमएल)एल, अपनी पकड़ को मजबूत बनाने के लिए हर संभव कोशिश करता रहता है, जैसा कि 2020 के करीबी मुकाबले से साफ होता है. आरा विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख से ज्यादा है.
क्या मुद्दे रहे हैं
स्थानीय स्तर पर आरा में सड़क जाम, जल-जमाव की समस्या, बिजली के जर्जर तार और टूटी सड़कें जैसे मुद्दे इस बार विधानसभा चुनाव में हावी रहने वाले हैं.
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